जबलपुर। निजी स्कूल बिना कलेक्टर और बिना राज्य सरकार की अनुमति के फीस वृद्धि नहीं कर सकते. जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने जबलपुर शहर के 14 स्कूलों से फीस वृद्धि पर जवाब मांगा है. इन स्कूलों ने 10% से 20% तक अपनी फीस बढ़ाई थी. दीपक सक्सेना का कहना है कि इन सभी स्कूलों की जांच की जा रही है, यदि फीस बढ़ाने का कोई सही कारण नहीं होगा तो इन सभी स्कूलों के खिलाफ नियम के तहत कार्यवाही की जाएगी. जबलपुर में निजी स्कूलों की मनमानी पर पहले चरण में पुस्तक और ड्रेस की मोनोपोली तोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने कदम उठाए थे. अब जबलपुर जिला प्रशासन ने फीस को लेकर डंडा चलाना शुरु किया है.
नियम क्या कहते हैं
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि ''निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकते. राज्य सरकार ने निजी स्कूलों को संचालित करने के लिए जो नियम बनाए हैं उनके तहत यदि कोई स्कूल 10% तक की फीस वृद्धि करना चाहता है तो उसके लिए इस फीस वृद्धि का कारण बताना होगा और यह जानकारी जबलपुर जिला कलेक्टर को देनी होगी. कलेक्टर की अनुमति से ही वह 10% फीस वृद्धि कर सकता है. यदि कोई स्कूल 10% से ज्यादा फीस बढ़ाना चाहता है तो इसके लिए निजी स्कूलों को राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी और राज्य सरकार ही 15% तक की फीस वृद्धि की अनुमति दे सकता है.''
इन स्कूलों ने बढ़ाई फीस
जबलपुर जिला प्रशासन ने शहर के 14 स्कूलों के खिलाफ फीस वृद्धि के मामले में जांच शुरू कर दी है. इन सभी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने शिकायत की थी कि इन स्कूलों ने 10% से ज्यादा फीस बढ़ाई है और फीस क्यों बढ़ाई है इसकी कोई वजह नहीं बता रहे हैं. जबलपुर में इन 14 स्कूलों से जवाब मांगा गया है. उनमें क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल, क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल, क्राइस्ट चर्च साड़ी वाला स्कूल, मेरिडियन स्कूल गांधीग्राम, स्प्रिंग डे स्कूल अधारताल, सेंट्रालिसिस स्कूल रिमझा, रॉयल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल संजीवनी नगर, जय स्कूल विजय नगर, केयर पब्लिक स्कूल नेपियर टाउन, विजडम वैली स्कूल शास्त्री नगर और सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल शामिल हैं.
Also Read: |