जबलपुर। जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गैर कानूनी तरीके से लगभग 80 करोड़ रुपए अतिरिक्त फीस वसूलने के आरोप में 51 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इनमें से लगभग 20 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. 31 लोग अभी भी फरार हैं. कलेक्टर का कहना है कि इन सभी के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों को हिदायत दी है कि शहर के बाकी स्कूल गैर कानूनी तरीके से बढ़ाई गई फीस वापस करें वरना उनके खिलाफ भी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
जबलपुर के 75 स्कूलों के खिलाफ जांच शुरू
जबलपुर में कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बीते दिनों निजी स्कूलों के खिलाफ एक मुहिम चलाई थी. जिसके तहत निजी स्कूलों के खिलाफ आम जनता से शिकायतें बुलवाई थी. इनमें फीस पुस्तक और ड्रेस के मामले में साठगांठ पर आम लोगों ने जिला प्रशासन को शिकायतें की थी. इसमें लगभग ढाई सौ शिकायत आम लोगों की तरफ से जिला प्रशासन को मिली थी. इसमें जबलपुर के 75 स्कूलों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी.
मनमाने तरीके से निजी स्कूलों ने बढ़ाई फीस
इन स्कूलों पर आरोप लगाया गया था कि इन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से स्कूलों की फीस बढ़ा दी थी. मध्य प्रदेश में 2017 में निजी स्कूलों के संचालन के लिए एक अधिनियम पारित किया गया था. इसके तहत कोई भी स्कूल बिना सुविधा बढ़ाये 10% तक से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकती. वहीं दूसरी तरफ इससे अधिक फीस बढ़ाने पर जिला प्रशासन की अनुमति की जरूरत होती है. इस मामले में जिला प्रशासन ने जांच की और जबलपुर के इन स्कूलों ने बिना नियम के अपनी फीस में बढ़ोतरी कर दी. जबलपुर जिला प्रशासन ने क्राइम ब्रांच की मदद लेकर जबलपुर के इन स्कूलों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 और आईएसबीएन नंबर के कानून का उल्लंघन करने के आरोप में धारा 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
- क्राइस्ट चर्च स्कूल सालीवाड़ा
- क्राइस्ट चर्च स्कूल घमापुर
- स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल
- क्राइस्ट चर्च बॉयज एंड गर्ल्स स्कूल
- चैतन्य टेक्नो स्कूल धनवंतरी नगर
- सेंट अलॉयसिस स्कूल पॉली पाथर
- सेंट अलॉयसिस स्कूल सदर
- ज्ञान गंगा स्कूल
- लिटिल वर्ल्ड स्कूल
- क्राइस्ट चर्च बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल
- क्राइस्ट चर्च जबलपुर डाइमेशन स्कूल
11 स्कूलों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि 'इन 11 स्कूलों में 21000 विद्यार्थियों से 81 करोड़ 30 लाख रुपए की फीस गैर कानूनी तरीके से वसूली गई है. स्कूल फीस की वृद्धि के निजी स्कूल अधिनियम के तहत नियम बनाए गए और इन स्कूलों ने इन नियमों का पालन नहीं किया. वहीं स्कूल फीस की ऑडिट रिपोर्ट में भी गड़बड़ियां हैं. इसके साथ ही इन 11 स्कूलों ने पाठ्य पुस्तकों में भी साठगांठ करके लगभग 4.30 करोड़ रुपए की फर्जी पाठ्य पुस्तक विद्यार्थियों को जबरन खरीदने के लिए दबाव बनाया. केवल इन 11 स्कूलों की जांच में फीस की गड़बड़ी ऑडिट रिपोर्ट की गड़बड़ी और पाठ्य पुस्तकों के फर्जीवाडे़ के मामले में इन 11 स्कूलों के 51 स्कूल संचालक और पाठ्य पुस्तक विक्रेताओं के खिलाफ धारा 420 धारा 471 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.'