जबलपुर: मध्य प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने पंचायतों को यह लक्ष्य दिया है कि अगले 1 साल में इस इलाके की हर पंचायत इंदौर से ज्यादा साफ सुथरी होनी चाहिए. प्रहलाद पटेल ने पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों से यह अपील की है कि स्वच्छता को काम ना बनाएं बल्कि यह हमारी आदत होनी चाहिए. हमारे स्वभाव में स्वच्छ रहने का भाव होना चाहिए. प्रहलाद पटेल ने महाभारत का उदाहरण देकर पंचायत कर्मियों को नसीहत दी.
'स्वच्छता हमारे लिए काम नहीं स्वभाव होना चाहिए'
मध्य प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेलने जबलपुर के मानस भवन में पंचायत के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि "स्वच्छता हमारे लिए काम नहीं हमारा स्वभाव होना चाहिए. सरकार की हर घर नल योजना के तहत 55 लीटर पानी प्रति व्यक्ति देने का लक्ष्य लगभग पूरा होता जा रहा है. यह 55 लीटर साफ पानी इस्तेमाल के बाद 55 लीटर गंदे पानी में बदलता है. इसका उचित निस्तारण जरूरी है, नहीं तो यही गंदगी का कारण बन सकता है."
'हर पंचायत एक साल में होना चाहिए साफ सुथरी'
प्रहलाद पटेल का कहना है कि "इंदौर जब देश का सबसे स्वच्छ शहर बना तो इसमें इंदौर के हर आदमी ने अपनी भूमिका निभाई. इसलिए यदि हमें अपने गांव को साफ करना है तो हमें भी अपनी भूमिकाएं तय करनी होंगी. केवल एक-दूसरे पर दोष रोपण करके हम अपने गांव को कभी साफ नहीं कर पाएंगे." उन्होंने पंचायतों को यह लक्ष्य दिया है कि अगले 1 साल में इस इलाके की हर पंचायत इंदौर से ज्यादा साफ सुथरी होनी चाहिए.
पंचायतकर्मियों को दिया महाभारत का उदाहरण
मंत्री प्रहलाद पटेल ने पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों को महाभारत का उदाहरण देते हुए समझाया कि "भीम को अंधेरे में खाने की आदत थी, जब अर्जुन ने उनसे पूछा कि अंधेरे में कोई कैसे खा सकता है तब भीम ने कहा यदि अभ्यास सही हो तो अंधेरे में खाया जा सकता है. यही बात अर्जुन को घर कर गई और उसके बाद अर्जुन ने आंख बंद करके भी तीर चलाने का अभ्यास शुरू किया जिसके बाद ही वे बड़े धनुर्धर बने." मंत्री प्रहलाद पटेल का कहना है कि "यदि बड़े लक्ष्य प्राप्त करने हैं तो हमें बड़े संकल्प लेने होंगे और उन पर निरंतर कायम रहना होगा. यह मामला केवल सफाई नहीं बल्कि गांव के संपूर्ण विकास से जुड़ा हुआ है."