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विकास का पुल अधूरा: जबलपुर के मटामर में 5 साल में भी नहीं बना एप्रोच रोड, ब्रिज लावारिस - Jabalpur updates

Jabalpur Bridge Incomplete : जबलपुर जिले के मटामर गांव में एक अनोखा पुल है, जिसमें दोनों तरफ से एप्रोच रोड ही नहीं है. परियट नदी पर बने इस पुल से कोई नहीं आता जाता. यह पुल बीते 5 साल से अधूरा पड़ा है. लोग बारिश के मौसम में 20 किलोमीटर दूर चक्कर लगाकर अपने गांव पहुंचते हैं.

Jabalpur Bridge Incomplete
5 साल से अधूरा पड़ा पुल अभी तक नही बन सकी एप्रोच रोड

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 14, 2024, 11:25 AM IST

Updated : Mar 14, 2024, 7:01 PM IST

जबलपुर के मटामर गांव में 5 साल से अधूरा पड़ा पुल

जबलपुर।जिले के मटामर गांव में पुल 5 साल पहले बनकर तैयार हो गया था. लेकिन अब तक इसकी एप्रोच रोड ही नहीं बन पाई. अधिकारियों का कहना है कि रक्षा विभाग की ओर से जमीन नहीं मिलने की वजह से यह पुल अधूरा है. यहां पुल पर आने जाने के लिए सड़क नहीं है. बता दें कि मटामर गांव में 20 गांवों को जोड़ने वाला एक रास्ता है, लेकिन बीच में परियट नदी बहती है. इस नदी की वजह से बरसात के दिनों में लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. जब भी नदी में ज्यादा बारिश के दौरान बाढ़ आती है तो इस सड़क पर बना हुआ रपटा पानी में डूब जाता है.

साल 2015 में हुआ था पुल का भूमिपूजन, दो साल में बना

गांव वालों की सालों की मांग के बाद लगभग दो करोड़ की लागत से यहां पुल मंजूर हुआ. साल 2015 में इस पुल का भूमिपूजन हुआ और 2 साल में यह पुल बन भी गया. लेकिन 2017 में बनने के बाद अब तक इस पुल से एक भी आदमी नहीं गुजरा, क्योंकि यह पुल अधूरा है. पुल का निर्माण जबलपुर के ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग ने किया था. इस विभाग ने पुल निर्माण के पहले आसपास की जमीन के बारे में जानकारी नहीं ली. इसमें से कुछ जमीन रक्षा विभाग की थी और यहां पास में ही आयुध निर्माणी होने की वजह से एक बैरियर भी लगा हुआ था. इसकी वजह से रक्षा विभाग ने इसकी स्वीकृति नहीं दी. लंबी कागजी कार्रवाई के बाद अब जाकर इसकी स्वीकृति मिली है.

अभी तक एप्रोच रोड तक नहीं बन सका

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अब पुल पर आवागमन की उम्मीद बढ़ी

ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग के महाप्रबंधक लोकेश रघुवंशी का कहना है "अब जल्द ही इसकी एप्रोच रोड बना दी जाएगी. इसी साल इस पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा." बता दें कि इन 20 गांवों में एक भी ज्यादा प्रभावशाली आदमी नहीं रहता. इसीलिए इन तक बुनियादी सुविधा नहीं पहुंच पा रही है. गांव के लोग समस्याओं से दो चार होते रहते हैं लेकिन इन लोगों ने कभी आवाज नहीं उठाई. बरसात में जब पानी भर जाता है तो इन लोगों को 20 किलोमीटर दूर चक्कर लगाकर अपने गांव तक जाना होता है.

Last Updated : Mar 14, 2024, 7:01 PM IST

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