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ट्रायल कोर्ट में बयान होने तक नहीं मिलेगी जमानत, दुष्कर्म के आरोपी रेलवे अधिकारी की याचिका खारिज - HIGHCOURT ON RAILWAY OFFICER CASE

जबलपुर हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में सुनवाई के दौरान सुनाया फैसला, दूसरी बार आरोपी ने लगाई थी जमानत याचिका.

HIGHCOURT ON RAILWAY OFFICER MOLESTATION CASE
जबलपुर हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 1:43 PM IST

जबलपुर : मप्र हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी रेलवे अधिकारी की जमानत याचिका को एक भार फिर खारिज कर दिया है. जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने कहा कि पीड़िता के बयान और परीक्षण होने तक जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को जल्द से जल्द पीड़िता का परीक्षण करने और एफएसएल भोपाल से फोटो के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

सहकर्मी ने लगाए थे दुष्कर्म के आरोप

दरअसल, पश्चिम मध्य रेलवे के कार्मिक विभाग में पदस्थ एक रेलवे अधिकारी पर उनकी सहकर्मी महिला ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. महिला सहकर्मी ने कहा कि आरोपी द्वारा दुष्कर्म करने के साथ-साथ उसे ब्लैकमेल भी किया गया, जिसकी रिपोर्ट उसने बरेला पुलिस थाने में दर्ज कराई थी. पीड़िता ने अगली सुनवाई में आरोप लगाया कि पूर्व में जमानत का लाभ मिलने के बाद आरोपी पीड़िता पर प्रकरण वापस लेने के लिए दबाव बनाने लगा था. इतना ही नहीं वह पीड़िता का पीछा भी करता था, जिसके कारण हाईकोर्ट ने उसकी अगली जमानत निरस्त कर दी थी.

ट्रायल कोर्ट में बयान होने तक नहीं मिलेगी जमानत

जेल में निरुद्ध रेलवे अधिकारी ने दूसरी बार जमानत के लिए आवेदन दायर किया, जिसका पीड़िता की ओर से फिर विरोध किया गया. पीड़िता की ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने एकलपीठ को बताया कि अभी तक ट्रायल कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज नहीं हुए हैं. जमानत दी गई तो आरोपी फिर से पीड़िता को धमका सकता है. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद आरोपी की जमान याचिका खारिज करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट में बयान और परीक्षण के बाद आरोपी पुनः जमानत के लिए आवेदन पेश कर सकता है.

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सहकर्मी ने लगाए थे दुष्कर्म के आरोप

दरअसल, पश्चिम मध्य रेलवे के कार्मिक विभाग में पदस्थ एक रेलवे अधिकारी पर उनकी सहकर्मी महिला ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. महिला सहकर्मी ने कहा कि आरोपी द्वारा दुष्कर्म करने के साथ-साथ उसे ब्लैकमेल भी किया गया, जिसकी रिपोर्ट उसने बरेला पुलिस थाने में दर्ज कराई थी. पीड़िता ने अगली सुनवाई में आरोप लगाया कि पूर्व में जमानत का लाभ मिलने के बाद आरोपी पीड़िता पर प्रकरण वापस लेने के लिए दबाव बनाने लगा था. इतना ही नहीं वह पीड़िता का पीछा भी करता था, जिसके कारण हाईकोर्ट ने उसकी अगली जमानत निरस्त कर दी थी.

ट्रायल कोर्ट में बयान होने तक नहीं मिलेगी जमानत

जेल में निरुद्ध रेलवे अधिकारी ने दूसरी बार जमानत के लिए आवेदन दायर किया, जिसका पीड़िता की ओर से फिर विरोध किया गया. पीड़िता की ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने एकलपीठ को बताया कि अभी तक ट्रायल कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज नहीं हुए हैं. जमानत दी गई तो आरोपी फिर से पीड़िता को धमका सकता है. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद आरोपी की जमान याचिका खारिज करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट में बयान और परीक्षण के बाद आरोपी पुनः जमानत के लिए आवेदन पेश कर सकता है.

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