नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खुफिया जानकारी के आधार पर गुरुवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया है. इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा खतरे की रिपोर्ट मिलने के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है.
89 वर्षीय दलाई लामा की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. इसमें उनके आवास पर सशस्त्र स्टेटिक गार्ड के अलावा 24 घंटे सुरक्षा देने वाले निजी सुरक्षा अधिकारी और शिफ्ट में काम करने वाले सशस्र कमांडो शामिल हैं.
Union Home Ministry has granted Z-category Central Reserve Police Force security to Tibetan spiritual leader Dalai Lama across India: Sources
— ANI (@ANI) February 13, 2025
कैसी होगी सुरक्षा व्यवस्था!
33 सुरक्षा जवानों में 10 सशस्त्र स्टैटिक गार्ड जो उनके घर पर रहेंगे. वहीं, 6 निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) चौबीस घंटे उनके साथ मौजूद रहेंगे. इसके अलावा 12 कमांडो तीन शिफ्टों में उनकी सुरक्षा में तैना होंगे. साथ ही दो वॉचर्स जो शिफ्ट में निगरानी करेंगे. तीन ट्रेंड ड्राइवर हर समय उनके काफिले में साथ रहेंगे.
कौन हैं बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा!
दलाई लामा का जन्म वर्ष 1935 में ल्हामो थोंडुप के रूप में हुआ था. जब वे दो वर्ष के थे तब उन्हें उनके पूर्ववर्ती तिब्बती धर्मगुरु का पुनर्जन्म माना गया. वहीं वर्ष1940 में उन्हें तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 14वें दलाई लामा के रूप में मान्यता प्रदान की गई.
1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला कर दिया. इसके बाद वर्ष 1959 में चीन के खिलाफ एक विद्रोह विफल हो गया, इसके बाद दलाई लामा भारत आ गए. तभी से वे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे हैं. दलाई लामा को अहिंसा और शांति के प्रयासों के लिए वर्ष 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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