जबलपुर. हाई कोर्ट जबलपुर (Highcourt Jabalpur) में डिफेंस को दी गई जमीन को माइनिंग के लिए दिए जाने के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट में सरकार द्वारा डिफेंस को दी गई जमीन को माइनिंग के लिए प्राइवेट कंपनियों को दिए जाने के खिलाफ याचिका लगाई गई थी. इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पाया कि अंतिम अवसर दिए जाने के बावजूद पन्ना महारानी (Panna Maharani) और कलेक्टर सहित अन्य ने जवाब दाखिल नहीं किया, जिसके बाद सभी पर 10-10 हजार रु का जुर्माना लगा दिया गया.
क्या है डिफेंस को दी गई जमीम का मामला?
दरअसल, इस केस की शुरुआत हुई राजस्थान जयपुर निवासी सुनील कुमार सिंह की ओर से दायर याचिका से जो 2019 में लगाई गई थी. दायर याचिका में कहा गया था कि 1950 में पन्ना के पूर्व महाराज महेन्द्र सर यादवेन्द्र सिंह ने अपने स्वामित्व की 500 एकड़ भूमि डिफेंस आर्मी को दान पर दे दी थी. जिसे डिफेंस के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं किया गया. इस भूमि का पुलिस विभाग व अन्य सरकारी विभाग उपयोग करते हुए और डिफेंस को किराया देते हैं. भूमि को अपने नाम दर्ज कराने डिफेंस की ओर से वर्ष 2014 व 2017 को शासन को पत्र भी लिखे गए, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.