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डिफेंस की जमीन को लेकर घपला, पन्ना महारानी, कलेक्टर और राज्य सरकार पर कोर्ट ने लगाया जुर्माना

Highcourt imposed fine on panna maharani : डिफेंस को दी गई जमीन माइनिंग के लिए प्रदेश सरकार को दिए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

Highcourt imposed fine on panna maharani
पन्ना महारानी, कलेक्टर और राज्य सरकार पर दस-दस हजार का जुर्माना

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 9:05 AM IST

Updated : Mar 5, 2024, 11:18 AM IST

जबलपुर. हाई कोर्ट जबलपुर (Highcourt Jabalpur) में डिफेंस को दी गई जमीन को माइनिंग के लिए दिए जाने के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट में सरकार द्वारा डिफेंस को दी गई जमीन को माइनिंग के लिए प्राइवेट कंपनियों को दिए जाने के खिलाफ याचिका लगाई गई थी. इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पाया कि अंतिम अवसर दिए जाने के बावजूद पन्ना महारानी (Panna Maharani) और कलेक्टर सहित अन्य ने जवाब दाखिल नहीं किया, जिसके बाद सभी पर 10-10 हजार रु का जुर्माना लगा दिया गया.

क्या है डिफेंस को दी गई जमीम का मामला?

दरअसल, इस केस की शुरुआत हुई राजस्थान जयपुर निवासी सुनील कुमार सिंह की ओर से दायर याचिका से जो 2019 में लगाई गई थी. दायर याचिका में कहा गया था कि 1950 में पन्ना के पूर्व महाराज महेन्द्र सर यादवेन्द्र सिंह ने अपने स्वामित्व की 500 एकड़ भूमि डिफेंस आर्मी को दान पर दे दी थी. जिसे डिफेंस के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं किया गया. इस भूमि का पुलिस विभाग व अन्य सरकारी विभाग उपयोग करते हुए और डिफेंस को किराया देते हैं. भूमि को अपने नाम दर्ज कराने डिफेंस की ओर से वर्ष 2014 व 2017 को शासन को पत्र भी लिखे गए, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.

अब प्राइवेट कंपनियों को माइनिंग के लिए दे रहे जमीन

याचिका में आगे कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा ये 500 एकड़ जमीन जेके सीमेंट प्रलि., बंसल कंस्ट्रक्शन प्रालि. व नेशनल कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट को माईनिंग के लिए लीज पर दी जा रही है. जिससे क्षेत्र के पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, इतना ही नहीं आसपास जंगल के वन्य जीवों को भी खतरा उत्पन्न होगा. याचिका में राहत चाही गई कि सरकार द्धारा उक्त भूमि को कमर्शियल उपयोग के लिए लीज पर देने से रोका जाए.

इस वजह से पन्रा महारानी, कलेक्टर व अन्य पर लगा जुर्माना

याचिका की सुनवाई के दौरान रक्षा मंत्रालय, डिफेंस स्टेट ऑफीसर जबलपुर, बंसल कंस्ट्रक्शन प्रालि व एस्सेल माइनिंग मुम्बई की ओप से जवाब पेश किया गया था. पिछली सुनवाई के दौरान मप्र शासन के मुख्य सचिव, कलेक्टर पन्ना, नेशनल मिनरल डेवलपमेंट, जितेश्वरी जुदेवी महेन्द्र महारानी सहित अन्य पक्षकार को जवाब पेश करने अंतिम अवसर दिया गया, लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान पक्षकारों द्वारा जवाब पेश नहीं किए जाने को गंभीरता से लेते हुए सभी पर दस-दस हजार की कास्ट लगाई है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश पटेल ने पक्ष रखा.

Last Updated : Mar 5, 2024, 11:18 AM IST

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