मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

निर्धारित अवधि के बाद संविदा कर्मचारी को हटाना गलत नहीं, सेवा सुरक्षा पर हाईकोर्ट की टिप्पणी - Highcourt on Samvida employees

राज्य सरकार की ओर से दायर अपील की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा गया है कि निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद संविदा कर्मचारी सेवा समाप्ति के लिए सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते. ऐसे में निर्धारित अवधि के बाद संविदा कर्मचारी को हटाना प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन नहीं है.

HIGHCOURT ON SAMVIDA EMPLOYEES
संविदा सेवा सुरक्षा पर जबलपुर हाईकोर्ट की टिप्पणी (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 4:38 PM IST

जबलपुर :डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की नियुक्ति समाप्त करने के खिलाफ लगी एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. इस मामले में राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए अपील दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्त की जा सकती है और संविदा कर्मी सेवा समाप्ति की सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते है. निर्धारित अवधि के बाद संविदा कर्मचारी को हटाना प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता.

राज्य सरकार ने दी थी ये दलील

राज्य सरकार की ओर से दायर अपील में कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने साल 2010 में डाटा एंट्री के 50 पद दो साल की संविदा नियुक्ति के लिए सृजित करते हुए विज्ञापन जारी किए थे. याचिकाकर्ताओं ने आवेदन पेश किया और सफल होते हुए नियुक्ति प्राप्क की थी. 2011 में 50 पदों पर संविदा नियुक्ति प्रदान की गई थी और 2013 में सभी कर्मचारियों की संविदा अवधि दो साल तक बढ़ा दी गई थी. इसके बाद साल 2016 में सिर्फ 21 कर्मचारियों की सेवा अवधि बढ़ाने के आदेश जारी किए गए थे, जिसके बाद बाकी संविदा कर्मियों ने इसके विरोध में याचिका लगाई थी.

Read more -

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, शादी का झांसा देकर गांव ले गया था आरोपी

कोर्ट ने दिया था संविदा कर्मियों को मौका

आयुक्त योजना एवं सांख्यिकी विभाग ने साल 2018 में सभी संविदा नियुक्ति समाप्त करने के आदेश जारी किए थे, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मप्र संविदा सिविल पद पर नियुक्ति अधिनियम के तहत याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए थे. हाईकोर्ट ने संविदा नियुक्ति निरस्त किए जाने के आदेश को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के आदेश जारी किए थे, वहीं अब इस मामले में राज्य सरकार की दलील पर कोर्ट ने ये अहम आदेश दिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details