जबलपुर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई स्कूल शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. जब तक भर्ती प्रक्रिया में डिवीजन की जगह प्रतिशत का क्राइटेरिया फिक्स नहीं किया जाता. तब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह बंद रहेगी. मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले में एक हाई पावर कमेटी बना दी है. जो दो सप्ताह में नियम बदलकर अपना जवाब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पेश करेगी.
एमपी स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ी गलती
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. मध्य प्रदेश में शिक्षकों की 17000 पदों पर भर्तियां किया जाना है. अभी तक 12000 पदों पर भर्ती हो चुकी है. हाई कोर्ट ने कहा है कि बाकी पदों पर भर्ती फिलहाल रोक दी जाए. इन पदों को 2023 की भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए. एडवोकेट रामेश्वर सिंहने बताया कि "दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती में एक बहुत बड़ी गलती की गई है. शिक्षक भर्ती के लिए शिक्षकों का ग्रेजुएशन में परीक्षा उत्तीर्ण करने की अरहर्ता स्पष्ट नहीं है.
डिवीजन और प्रतिशत क्राइटेरिया में कंफ्यूजन
शिक्षकों की पदों की भर्ती में स्कूल शिक्षा विभाग में सेकंड डिवीजन का क्राइटेरिया रखा था. एडवोकेट रामेश्वर सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश की भोज और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में 45 परसेंट के ऊपर सेकंड डिवीजन दे देते हैं. वहीं ज्यादातर विश्वविद्यालय 50% के ऊपर सेकंड डिवीजन देते हैं. ऐसी स्थिति में कुछ अभ्यर्थियों को इस बात का फायदा मिला कि ग्रेजुएशन में उनका प्रतिशत 45 था, लेकिन डिवीजन सेकंड था. इसलिए उन्हें नियुक्ति मिल गई.