जबलपुर।राजनीति में जीत हार के साथ मिठाई और मिठास का भी अपना अलग महत्व होता है. शुभ अवसरों पर एक दूसरे का मुंह मीठा करने की परंपरा तो देश में सदियों पुरानी है, लेकिन सियासत में भी इन परंपराओं का बखूबी पालन किया जाता है. बात अगर मिठास और मिठाई की हो तो जबलपुर के मशहूर बड़ेरिया मिष्ठान भंडार की मिठाईयों का जिक्र आते ही किसी के भी मुंह में पानी आ सकता है. करीब 95 साल पुरानी इस दुकान की मिठाइयों के दीवानों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त है. पीएम से लेकर सीएम भी इस दुकान की मिठाईयों का स्वाद चख चुके हैं.
पूर्व पीएम से लेकर सीएम ने बड़ेरिया मिष्ठान के दीवाने
देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री और वर्तमान के कई ऐसे दिग्गज नेता हैं. जो जबलपुर आते हैं, तो बड़ेरिया की मिठाइयों का स्वाद चखना नहीं भूलते. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 7 अक्टूबर 1967 को कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने जबलपुर पहुंची थीं. उनके साथ देश के अलग-अलग राज्यों के करीब 12 मुख्यमंत्री भी संस्कारधानी पहुंचे थे. कांग्रेस के इस राष्ट्रीय अधिवेशन में दूध का हलवा, खोवे की जलेबी और मोतीचूर के लड्डू विशेष तौर पर बड़ेरिया मिष्ठान भंडार में बनवाए गए थे. जो कांग्रेस के अधिवेशन में पहुंचने वाले नेताओं को परोसे गए थे.
बड़ेरिया की मिठाइयों का स्वाद चखने के बाद हर कोई इन मिठाइयों की मिठास का इस कदर कायल हो गया था कि जबलपुर से लौटते वक्त वे अपने साथ यहां की मिठाइयों को पैक करा कर साथ ले गए थे.
राजीव गांधी ने दो बार उठाया था बड़ेरिया मिठाई का लुत्फ
इसके बाद तो जबलपुर प्रवास के दौरान बड़ेरिया मिष्ठान भंडार की मिठाइयों का स्वाद चखने का लंबा सिलसिला चल पड़ा. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी दो बार जबलपुर आए तो दोनों ही बार उन्होंने बड़ेरिया की मिठाइयां का लुत्फ उठाया. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री श्याम चरण शुक्ल, विद्या चरण शुक्ला, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजीलाल दुबे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर कई बड़े नेताओं ने जबलपुर आगमन के दौरान बड़ेरिया मिष्ठान भंडार की मिठाइयों का आनंद उठाया. बड़ेरिया मिष्ठान भंडार के संस्थापक पहले कांग्रेस के नगर अध्यक्ष भी रहे हैं. इस लिहाज से उनका राजनीति से जुड़े नेताओं से खास जुड़ाव रहा है और बड़े नेता जब भी जबलपुर आते तो बड़ेरिया मिष्ठान भंडार की मिठाइयों का स्वाद लेना नहीं भूलते.