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दिल्ली में बस हादसोंं को रोकने के लिए नई पहल, चालकों को डीटीसी से ट्रेनिंग लेना अनिवार्य - training made mandatory from dtc

Training made mandatory from DTC: दिल्ली में संविदा चालकों के लिए भी डीटीसी के ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग लेना अनिवार्य किया गया है. यह कदम बसों से होने वाले हादसों में कमी लाने के लिए उठाया गया है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

दिल्ली में बस हादसोंं को रोकने के लिए नई पहल
दिल्ली में बस हादसोंं को रोकने के लिए नई पहल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 5, 2024, 9:03 PM IST

Updated : Jul 5, 2024, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में आए दिन बसों से हादसे हो रहे हैं. इन हादसों में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से कई कवायद की जा रही है. हाल में दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाली बसों को चालान जारी करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के सहायक यातायात निरीक्षक (एटीआई) रैंक के अधिकारियों को सशक्त बनाने की सिफारिश की. इसका प्रस्ताव अनुमोदन के लिए उपराज्यपाल को भेजा गया है. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली में संविदा चालकों के लिए भी डीटीसी के ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग लेना अनिवार्य किया गया है. साथ ही बस चालाने के दौरान यदि चालक से कोई हादसा होता है तो उसे फिर से दो दिन की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी.

परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में 7300 बसें चल रही हैं. इनमें 1650 इलेक्ट्रिक बसें हैं. इलेक्ट्रिक बसें जेबीएम और टाटा कंपनी बना रही है और वही इन बसों का संचालन करा रही है. इलेक्ट्रिक बसों पर निर्माता कंपनियों के चालक हैं. कंपनियों के साथ अनुबंध में ये भी शामिल किया गया है कि भले ही इलेक्ट्रिक बसें निजी कंपनियों के चालक चला रहे हैं, लेकिन बसें चलाने से पहले उन्हें डीटीसी से ट्रेनिंग लेनी पड़ती है. दिल्ली के नंद नगर में डीटीसी का ट्रेनिंग स्कूल है, जहां पर विभिन्न एक्सपर्ट व दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जवान बस चालकों को काउंसलिंग करने के साथ उन्हें बेहत व सुरक्षित तरीके से बस चलाने की ट्रेनिंग देते हैं.

दिल्ली-एनसीआर में पीक आवर में सुबह शाम दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का दबाव ज्यादा होता है. दिल्ली में आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. इसमें बसों से सड़क हादसे होने पर परिवहन विभाग की बदनामी होती है. परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यदि किसी बस चालक से कोई हादसा होता है तो उसे दो दिन के लिए ट्रेनिंग सेंटर पर भेजा जाता है, जहां पर उनकी काउंसलिंग के साथ उन्हें बस चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि दिल्ली में सड़क हादसों में कमी आ सके. साथ ही चालकों की तीन से छह माह के भीतर काउंसलिंग की जाती है और उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है, जिससे की चालक यातायात नियमों का पालन करते हुए बस चलाएं और सड़क हादसा न हो.

"इलेक्ट्रिक बसों की चालकों को पहले ट्रेनिंग डीटीसी की तरफ से नहीं दी जाती थी. लेकिन अब नंद नगरी स्थित डीटीसी के ट्रेनिंग स्कूल में ईलेक्ट्रिक बसों के चालकों को भी ट्रेनिंग दी जाने लगी है, जिससे चालक बेहतर तरीके से बस चलाएं और हादसे न हों" - एके राव, मैनेजर ऑपरेशन, डीटीसी

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Last Updated : Jul 5, 2024, 10:51 PM IST

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