मुजफ्फरपुर:बिहार का हाजीपुर केले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. ऐसे अब एक किसान मुजफ्फरपुर में इजराइली वैराइटी केकेले की खेतीशुरू की है. टिश्यू कल्चर से तैयार G-9 प्रभेद का केला किसानों को मालामाल कर रहा है. पारंपरिक खेती को बदलते हुए किसान अब आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. किसान समय की बचत के साथ कम पूंजी लगाकर अधिक उत्पादन और बेहतर मुनाफा के फिराक में लगे रहते हैं.
मुजफ्फरपुर में उगाए जा रहे इजराइली केला: हम बात कर रहे हैं मुजफ्फरपुर के बोचहा के रहने वाले दिलीप चौधरी की. वे इसराइली नस्ल के केले की खेती कर खूब कमाई कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने एक पेड़ इसराइल से मंगवाए था. आज वह एक एकड़ में खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2021 से इसराइली केला की खेती कर रहे हैं. इससे पहले देसी नस्ल के केले की खेती पर निर्भर थे. जिसमें मेहनत भी अधिक और उस हिसाब से कमाई भी नहीं हो पाती थी. जब से खेती का तरीका बदला है सालाना अच्छी कमाई हो रही है.
"शुरुआत में एक पौधा इसराइल से ऑनलाइन मांगवाया था. अब एक एकड़ में करीब 12 सौ से अधिक केला के पौधे लगाए हैं. अब उनके पास से 12 सौ पेड़ हैं. एक पेड़ से केला का घौड 600 तक में बिकता है. इससे इनकम बढ़ गई है. इजराइली तकनीक से खेत करने से फसल की पैदावार भी बढ़ी है."-दिलीप चौधरी, किसान
जी-9 वैरायटी से अच्छा मुनाफा:उन्होंने बताया अगर व्यवसाय के नजरिए से किसान केला की खेती करना चाहते हैं, तो उनके लिए G-9सबसे अच्छा विकल्प है. वे एक एकड़ में केला की खेती कर रहें है. करीब 12 सौ से अधिक केला के पौधे लगाए हैं. उन्होंने शुरुवात में एक पौधा इसराइल से ऑनलाइन मांगवाया था, जबकि ब्लॉक से 600 पेड़ मंगवाए थे. अब उनके पास से 12 सौ पेड़ हैं. 20 रुपए प्रति पेड़ लगाया था. एक पेड़ से केला का घौड 600 तक में बिकता है.