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खूंटी में हुए तालाब घोटाला मामले की जांच शुरू, विभागीय निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने गठित की जांच टीम - Khunti pond scam - KHUNTI POND SCAM

Khunti pond scam. खूंटी में तालाब घोटाला मामले की जांच शुरू हो गई है. विभागीय निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने जांच टीम गठित कर दी है. दोषियों पर कार्रवाई की बात कही गई है.

Khunti pond scam
तालाब की तस्वीर (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 9, 2024, 11:13 AM IST

खूंटी: तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर जिले में बड़े पैमाने पर सरकारी राशि की लूट हुई है. जीर्णोद्धार से पहले भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों और विभाग द्वारा चिन्हित ठेकेदारों ने खूब लूट मचाई है. अब इस मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है. विभागीय आदेश के बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. एसडीओ की अध्यक्षता में जांच टीम सोमवार से जिले में बने 69 तालाबों और 150 परकोलेशन टैंकों के निर्माण में हुई अनियमितता और जलनिकासी की जांच करेगी.

तालाब घोटाला मामले की जांच शुरू (ईटीवी भारत)

ईटीवी भारत ने खूंटी में तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर लूट मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशित होते ही कृषि विभाग ने जांच का आदेश खूंटी जिला प्रशासन को दे दिया है. तालाब घोटाला मामले की जांच के लिए डीसी ने एसडीओ की अध्यक्षता में जांच टीम गठित की है. सोमवार से जांच टीम जिले में बने सभी तालाबों की जांच करने जाएगी. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. डीसी लोकेश मिश्रा ने कहा कि तालाब जीर्णोद्धार निर्माण में अनियमितता व लापरवाही की गहन जांच की जाएगी तथा दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

जल संरक्षण के लिए इस वित्तीय वर्ष में जिले के सभी छह प्रखंडों की 86 पंचायतों में 69 बड़े तालाब व 150 परकोलेशन टैंक का निर्माण कराया गया, लेकिन तालाब निर्माण से पहले ही भूमि संरक्षण विभाग व विभाग के चहेते ठेकेदारों ने स्थल का चयन कर भू-स्वामी की जमीन के कागजात ले लिए. उसके बाद उनके आधार कार्ड समेत कई अन्य कागजात पर उनके हस्ताक्षर कराकर फर्जी तरीके से ग्राम सभा से योजना पारित करा ली. बाद में जल पंचायत समिति बनाकर भूमि संरक्षण विभाग ने तालाब जीर्णोद्धार का कार्यादेश जारी कर दिया और तालाब जीर्णोद्धार का निर्माण शुरू हो गया.

उसके बाद जल पंचायत के नाम पर खोले गए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने का खेल शुरू हो गया. जब तक लाभुक कुछ समझ पाते, उनके खातों से पैसे गायब हो गए. जब ​​लाभुक तालाब देखने गए, तो तालाब भी गायब हो गए. लाभुकों और ग्राम प्रधान ने जब तालाब निर्माण वाले क्षेत्रों में जाकर देखा तो पाया कि तालाब दूर से तो दिखाई देते हैं, लेकिन जमीन पर तालाब की जगह बड़ा गड्ढा खोद दिया गया है. क्षेत्र के प्रधान और ग्राम प्रधान का दावा है कि ठेकेदारों ने धोखाधड़ी कर उनके साथ ठगी की है. अब वे जिला प्रशासन से जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

"जल संचयन और जल संरक्षण के लिए तालाब निर्माण की अनुशंसा की है. तालाबों की गुणवत्ता बनी रहे यह सब देखना विभाग के अधिकारियों का काम है. अनियमितता मामले की जांच कराई जाएगी. संबंधित विभाग को निर्देश दिया जाएगा कि इस मामले की जांच कराएं और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई करें." - नीलकंठ सिंह मुंडा, विधायक

"तालाब जीर्णोद्धार से जुड़ा मामला सामने आया है. मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी." - लोकेश मिश्रा, डीसी

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