फरीदाबाद: फरीदाबाद में आयोजित 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले समापन विधिवत रूप से हो गया. हर साल लगने वाले इस अंतरराष्ट्रीय हस्तशील सूरजकुंड मेले में लाखों की संख्या में पर्यटक और हैंडीक्राफ्ट से जुड़े कलाकार शामिल होते हैं. यह देश का ऐसा मेला है, जिसमें हर वर्ग, हर देश के लोग शामिल होते हैं. इस साल 2 फरवरी को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेले का शुभारंभ किया था. 16 दिन तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में कई रंग देखने को मिले. इस मेले में कई कलाकारों का संगम देखने को मिला.
अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले के समापन समारोह में पहुंचे राज्यपाल: रविवार, 18 फरवरी को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का समापन किया. इस बार का सूरजकुंड मेला 16 दिनों का रहा. हैंडीक्राफ्ट के दुकानदार शामिल हुए. दुकानदारों का कहना है कि पहले के मुकाबले इस बार सूरजकुंड मेले में काफी क्राउड देखने को मिला था. इस बार दुकानदारी भी जबरदस्त हुई है तो वही सूरजकुंड मेला घूमने आए लोगों ने भी सूरजकुंड मेले की जमकर तारीफ की. तमाम पर्यटकों का कहना है कि इस बार का सूरजकुंड मेला पहले के मुकाबले काफी अच्छा रहा.
जयपुर से आए हस्तशिल्प कलाकार डिंपल ने बताया "मेरा स्टॉल बेडशीट और चादर का था. पिछले साल के मुकाबले इस बार बहुत ज्यादा दुकानदारी हुई है. लोग भी भारी संख्या में मेले में आए और उन्होंने जमकर खरीदारी भी की. मेरा तो मानना है कि इस बार की बिक्री बहुत ज्यादा है. इस साल मेले में आकर खुशी हुई है और हर साल हम इस मेले में जरूर शामिल होंगे."
बनारस से आए हस्तशिल्प कलाकार जावेद ने बताया "इस बार सूरजकुंड मेले में भारी संख्या में लोग आए थे. इस साल मेले में दुकानदारी कम हुई है. इसका मुख्य कारण महंगाई है. महंगाई की वजह से पिछले साल के मुकाबले इस बार लोगों ने बहुत कम खरीदारी की है. मेला घूमने आए अधिकांश लोगों ने मेले का ही लुत्फ उठाया."
मेला घूमने आए लोगों का अनुभव: वहीं, मेले में घूमने अजीत सिंह ने बताया "इस बार का मेला बहुत शानदार रहा. इस बार मेले में बहुत कुछ नया रहा बहुत कुछ देखने को मिला पूरे परिवार के साथ हर साल मेले में आता हूं, लेकिन इस बार का मेला बहुत खास है. इस बार व्यवस्था भी बहुत अच्छी हुई थी. चाहे पुलिस प्रशासन की बात करें चाहे अधिकारियों की बात करें. प्रशासन की ओर से मेले में बहुत अच्छी व्यवस्था थी. मेले में किसी भी तरह से कोई दुर्व्यवहार या किसी चीज की कमी नहीं मिली. इच्छा है कि हर साल इसी तरह से मेला लगे."