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अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला : पवित्र सरोवर के 52 घाटों पर रंगोली बनाकर किया गया दीपदान, महाआरती से माहौल हुआ दिव्य

तीर्थ नगरी में कार्तिक पुष्कर मेले का आगाज शनिवार को गोपाष्टमी से शुरू हो गया है. साथ ही पुष्कर राज की महाआरती का आयोजन हुआ.

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 10, 2024, 7:13 AM IST

Updated : Nov 10, 2024, 7:38 AM IST

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का आगाज (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर :अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का आगाज कार्तिक माह की गोपाष्टमी 9 नवंबर से हो गया है. मेला समिति और नगर परिषद की ओर से पहली बार गोपाष्टमी के दिन पुष्कर के पवित्र सरोवर के 52 घाटों पर मनमोहक रंगोली बनाकर दीपदान किया गया. इसके बाद सरोवर के सभी घाटों पर पुष्कर राज की महाआरती का आयोजन हुआ.

महाआरती से माहौल हुआ दिव्य (ETV Bharat Ajmer)

एकादशी से धार्मिक मेले का भी आगाज हो गया. मेले में देसी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो चुकी है. मेले को भव्य रूप देने के लिए पुष्कर में शानदार लाइटिंग की गई है. गोपाष्टमी के दिन पहली बार पुष्कर सरोवर के पवित्र घाटों पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय लोगों के सहयोग से मनमोहन रंगोलिया बनाई गई. इनसे घाटों की सुंदरता में चार चांद लग गए. दिन ढलने के बाद सभी घाटों पर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने दीपदान किया. चारों ओर घाटों पर जगमग करते दीपों से सरोवर का नजारा दिव्य हो गया. दीपदान के बाद सभी घाटों पर वैदिक मंत्र उच्चारण के बाद पुष्कर राज की महाआरती का आयोजन हुआ. इन आरती में बड़ी संख्या में पुष्कर आए तीर्थ यात्री और आसपास क्षेत्र से आए स्थानीय लोग भी शामिल हुए.

वाराह घाट के प्रधान पंडित रविकांत शर्मा (ETV Bharat Ajmer)

पढ़ें.अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले का शुभारंभ, पहले दिन विदेशी पर्यटकों और पशुओं की कमी खली

वाराह घाट के प्रधान पंडित रविकांत शर्मा बताते हैं कि गोपाष्टमी से मेले की शुरुआत होती है. पहली बार मेला समिति और नगर परिषद की ओर से पुष्कर के पवित्र घाटों पर रंगोली बनाकर दीपदान करने और महाआरती का आयोजन किया गया है. पुष्कर के आध्यात्मिक माहौल को श्रद्धालुओं ने महसूस किया है. कई श्रद्धालुओं ने पुष्कर सरोवर की परिक्रमा भी लगाई. उन्होंने बताया कि पुष्कर सरोवर में कार्तिक माह में स्नान का विशेष महत्व है. एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक धार्मिक मेले का आयोजन होगा. पंडित शर्मा ने बताया कि जगत पिता ब्रह्मा ने कार्तिक माह की एकादशी से पूर्णिमा तक पुष्कर में सृष्टि यज्ञ किया था. इस दौरान सभी देवी देवता, यक्ष, गंधर्व नाग, पुष्कर में थे और प्रतिदिन सरोवर में स्नान किया करते थे. यही वजह है कि इन पांच दिनों में पंच तीर्थ स्नान का महत्व है. मान्यता है कि इन पांच दिनों में त्रिदेव सहित सभी देवी देवता पुष्कर सरोवर में स्नान के लिए आते हैं.

लोगों ने किया दीपदान (ETV Bharat Ajmer)
पवित्र सरोवर के घाटों पर रंगोली (ETV Bharat Ajmer)
Last Updated : Nov 10, 2024, 7:38 AM IST

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