कुरुक्षेत्र:कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हो रहा है. जहां पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा हरियाणा पवेलियन बनाया गया है. हरियाणा पवेलियन में हरियाणा की संस्कृति को दर्शाया गया है, ताकि जो हमारी आज से कई दशक पहले की संस्कृति लुप्त होती जा रही थी. हमारी युवा पीढ़ी उनके बारे में जान सके और इसका प्रचार प्रसार हो सके. हरियाणा पवेलियन में एक मिनी हरियाणा दर्शाया गया है. जहां पर पहले गांव में जो चीज होती थी और एक गांव में क्या-क्या होता था. वह सब दर्शाया गया है. वहीं, हरियाणवी पगड़ी का स्टाल भी बनाया गया है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
हमारी संस्कृति की पहचान: पगड़ी को हरियाणा का मान कहा जाता है. वहीं, बड़े बुजुर्गों का भी मान और सम्मान पगड़ी को कहा जाता है. जहां पगड़ी इज्जत का प्रतीक माना जाता है. तो वही हरियाणा और बड़े चौधरी की पहचान भी पगड़ी होती है. इसी के चलते अपनी पुरानी विरासत को बरकरार रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में बने हरियाणा पवेलियन में पगड़ी का स्टाल विशेष तौर पर लगाया गया है. जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है. सबसे ज्यादा यहां पर युवा आ रहे हैं. जो पगड़ी बंधवा रहे हैं और उसमें फोटो और सेल्फी ले रहे हैं.
युवा सीख रहे पगड़ी बांधना: हरियाणवी पगड़ी स्टॉल के कोऑर्डिनेटर हरिकेश पापोसा ने बताया कि पगड़ी हरियाणा की पहचान है. हरियाणा का मान होता है. हमारे बड़े बुजुर्ग पगड़ी बांधते आए हैं. लेकिन आजकल के नए फैशन के दौर में हमारे युवा पगड़ी से दूर होते जा रहे हैं. उनको हमारी पगड़ी की संस्कृति से जोड़ने के लिए विशेष तौर पर हरियाणा पवेलियन में पगड़ी का स्टॉल लगाया गया है. जहां पर युवा भारी संख्या में पहुंच कर पगड़ी बंधवा रहे हैं और बांधना भी सीख रहे हैं.