इंदौर : देश भर में कांग्रेस सोयाबीन की MSP को लेकर किसानों के साथ मिलकर आंदोलन कर रही है. वहीं दूसरी ओर सोयाबीन तेल के दामों में पिछले 5 दिनों से बढ़ोतरी हो रही है, इससे घर के खाने का जायका बिगड़ना निश्चित माना जा रहा है. सोयाबीन का तेल जो अबतक 100 रु प्रति लीटर मिल रहा था, उसकी कीमत बढ़कर 125 से 130 रुपए प्रति लीटर हो गई है. इस लिहाज से 5 लीटर हर महीने खपत करने वाले परिवार को 125 रु से 130 रु तक का भार पढ़ सकता है.
सालाना 1500-1800 रु का अतिरिक्त भार
सोयाबीन तेल के बढ़ते दामों से लोगों के किचन का बजट भी बिगड़ सकता है. फिलहाल सोयबीन की कीमतों में 25 रु तक की बढ़ोतरी हुई है. माना जा रहा है कि ये दाम 150 रु तक भी पहुंच सकते हैं. अगर ऐसा ही चला तो 5 लीटर प्रति माह खपत करने वाले परिवारों पर साला 1500 से 1800 रु का अतिरिक्त भार पड़ सकता है.
क्यों बढ़ रहे सोयाबीन तेल के दाम?
दरअसल, सोयाबीन तेल के दामों में लगातार उछाल के पीछे फूड ग्रेड ऑयल में इंपोर्ट ड्यूटी को भी बड़ी वजह माना जा रहा है. हाल ही में फूड ग्रेड ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 5.5 प्रतिशत बढ़ाया गया है, जो अब 27.5 प्रतिशत हो गई है. इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से सोयाबीन तेल के दाम 25 से 30 रु प्रति लीटर तक बढ़ गए हैं. इसे लेकर फूड ग्रेड ऑयल व सोयबीन के विशेषज्ञ अंकित कहते हैं, '' सोयाबीन के दामों में वृद्धि के साथ इंपोर्ट ड्यू़टी बढ़ने से सोयबीन तेल के रेट बढ़ रहे हैं. वर्तमान समय में ज्यादा फूड इंडस्ट्री बीज खरीदकर उससे उत्पादन करने की जगह बाहर से तेल इंपोर्ट कर उसे प्रॉसेस कर रही हैं.''