इंदौर: मध्य प्रदेश शासन ने प्रदेश के सभी पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में संस्कृत शिक्षा को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा अगले शैक्षणिक सत्र से श्रीमद भागवत गीता को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी की जा रही है. इंदौर के होलकर विज्ञान महाविद्यालय में भारतीय भाषा संगम पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कही.
भारतीय भाषा संगम विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला
इंदौर के शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय में भारतीय भाषा संगम विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और भारतीय भाषा समिति के तत्वावधान में यह आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में प्रदेश के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ शशि रंजन शामिल हुए.
मध्य प्रदेश के पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में संस्कृत शिक्षा होगी अनिवार्य (ETV Bharat) 'क्षेत्रीय भाषाओं का महत्वपूर्ण योगदान'
भारतीय भाषा संगम कार्यक्रम में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने और शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय भाषाओं के योगदान विषय पर चर्चा की गई. कार्यशाला के दौरान विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं पर आधारित पुस्तक और सांस्कृतिक परंपराओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी. मंत्री इंदर सिंह परमार ने प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान कहा कि "क्षेत्रीय भाषाओं का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं को भी सम्मिलित किया गया है."
इंदौर के होलकर कॉलेज में भारतीय भाषा पर राष्ट्रीय कार्यशाला (ETV Bharat) पीएम एक्सीलेंस कॉलेज में लागू होगी संस्कृत भाषा
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमारने कहा कि "संस्कृत अद्भुत भाषा है, इसका वेद पुराण और विज्ञान सभी से सैद्धांतिक नाता रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि संस्कृत को पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा. श्रीमद भागवत गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा पूर्व में मुख्यमंत्री कर चुके हैं. इसके पाठ्यक्रम और शिक्षा सामग्री पर काम किया जा रहा है. संभावना है कि अगले साल से लागू किया जाएगा."