इंदौर: प्रदेश में जन सुविधा के नाम पर सर्वाधिक टैक्स लगाए जाने को लेकर इंदौर नगर निगम के खिलाफ कांग्रेस ने विरोध का ऐलान किया है. 6 अगस्त को होने वाले इस आंदोलन में कांग्रेस के तमाम नेता नगर निगम के फैसले का विरोध करेंगे, वहीं कांग्रेस का आरोप है कि नगर निगम राज्य सरकार पर बकाया चुंगी कर नहीं ले पा रही है. जिसके बदले में जनता पर दुगुना टैक्स थोप दिया गया है.
इंदौर नगर निगम सबसे भ्रष्ट है: नेता प्रतिपक्ष
दरअसल इंदौर नगर निगम परिषद ने हाल ही में अपने बजट में संपत्ति कर और जलकर पर टैक्स वृद्धि की घोषणा की है. जिसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसेने इस मामले में आरोप लगाते हुए कहा कि "इंदौर नगर निगम पानी की सप्लाई 15 दिन के लिए करती है, जबकि टैक्स पूरे महीने के हिसाब से ले रही है. जहां 90% लोगों को साफ पानी नहीं मिलता. शहर की सड़कों पर हर जगह गड्ढे हैं. 2 साल से खुदी सड़कों का काम पूरा नहीं हो सका, लगातार भ्रष्टाचार के मामलों के कारण इंदौर नगर निगम की पहचान भ्रष्ट नगर निगम की बन गई है."
नगर निगम ने जनता पर बढ़ाया कर का भार
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि "ऐसे में नगर निगम परिषद और महापौर को कोई अधिकार नहीं है, कि वह जनता पर अतिरिक्त टैक्स का भार डालें. इन तमाम मामलों को लेकर कांग्रेस 6 अगस्त को नगर निगम परिषद के फैसलों का विरोध करेगी." वहीं इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि "2011 के बाद हर चीज के दाम बड़े हैं. इसके बावजूद नगर निगम ने 30 करोड़ रुपए की बचत की है."
भविष्य के लिहाज से तैयार किया गया नया बजट
महापौर ने कहा कि "नया बजट इंदौर के भविष्य के लिहाज से तैयार किया गया है. इसके अनुरूप 2014 से अब तक के बकाया बिल चुकाए जाएंगे. गौरतलब है कि इंदौर नगर निगम को फिलहाल राज्य शासन से 1500 करोड़ रुपए का बकाया चुंगी कर लेना है. इसके अलावा हर महीने इंदौर नगर निगम को 44 करोड़ रुपए के स्थान पर 17 से 18 करोड़ रुपए ही चंगी कर के रूप में मिल रही है."