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इंदौर में नृत्य गोपाल दास महाराज का नागरिक अभिनंदन, स्वागत में उमड़ेगा पूरा शहर - welcome Nritya Gopal Das - WELCOME NRITYA GOPAL DAS

अयोध्या में 500 सालों के संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम का मंदिर बना है. मंदिर के लिए लंबा संघर्ष करने वाले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास का सामूहिक अभिनंदन किया जाएगा.

welcome of Nritya Gopal Das Maharaj
इंदौर में नृत्य गोपाल दास महाराज का नागरिक अभिनंदन (etv bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 12:39 PM IST

इंदौर।यह पहला मौका है जब राम मंदिर के लिए किसी शहर में राम मंदिर न्यास के प्रमुख का अभिनंदन किया जाएगा. नृत्य गोपालदास महाराज 24 अगस्त को इंदौर आ रहे हैं. इंदौर नगर निगम और देव से महादेव नामक धार्मिक संस्था द्वारा महंत नृत्य गोपाल दास का भव्य सम्मान किया जाएगा. इंदौर में नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही 100 से अधिक सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा उनका नागरिक अभिनंदन किया जाएगा.

इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव (etv bharat)

सौ से अधिक संगठन होंगे कार्यक्रम में शामिल

इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बताया कि नृत्य गोपालदास महाराज 24 अगस्त को सबसे पहले पितृ पर्वत पर आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. यहां वे पित्र पर्वत परिसर में तुलसी व शमी के पौधों का वितरण करेंगे. इसके बाद एक निजी होटल में उनके नागरिक अभिनंदन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसी सिलावट और स्थानीय विधायकों और महापौर सहित पार्षद और 100 से अधिक सामाजिक संगठनों द्वारा उनका सम्मान किया जाएगा.

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45 साल से इंदौर आ रहे हैं नृत्य गोपाल दास महाराज

महापौर ने बताया इस अवसर पर नृत्य गोपाल दास महाराज भगवान राम मंदिर का सिद्ध रक्षा सूत्र भी भक्तों को वितरित करेंगे. इंदौर में नृत्य गोपाल दास जी का सम्मान इसलिए भी किया जा रहा है. क्योंकि वह पिछले 45 वर्षों से नियमित रूप से इंदौर की जनता से जुड़े रहे हैं. राम मंदिर आंदोलन के 500 वर्षों के दौरान उनके त्याग और समर्पण को भुलाया नहीं जा सकता. उन्हीं के नेतृत्व में 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ. इसके बाद 22 जनवरी 2024 को उन्हीं की अगवाई में राम मंदिर के अंदर रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई.

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