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बड़ी खुशखबरी! इंदौर मनमाड रेलवे लाइन को मिली मंजूरी, जानें कब तक निर्माण कार्य होगा पूरा - Indore Manmad Railway Line

इंदौर और मनमाड के बीच बहुप्रतीक्षित मांग को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इससे इंदौर के विकास को नई गति मिलेगी. इस परियोजना को 2028-29 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. रेलवे के इस परियोजना से करीब 1 हजार गांवों को सम्पर्क मिलेगा.

INDORE MANMAD NEW RAILWAY LINE
इंदौर मनमाड न्यू रेलवे लाइन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 2, 2024, 8:02 PM IST

इंदौर: रेलवे से जुड़ी बहुप्रतीक्षित मांग सोमवार को पूरी हो गई. इंदौर और मनमाड के बीच रेलवे लाइन को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. कहा जा रहा है कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के स्वीकृत होने के बाद इंदौर के विकास को नई गति मिलेगी और मध्य प्रदेश में रेलवे के सुविधाओं से वंचित जिलों को ट्रेन की कनेक्टिविटी मिलेगी.

इंदौर मनमाड रेलवे लाइन को मिली मंजूरी (ETV Bharat)

1 हजार गांवों को मिलेगा संपर्क

ये परियोजना व्यावसायिक केन्द्रों मुम्बई और इंदौर को सबसे छोटे रेल मार्ग से जोड़ने के अलावा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के उन जिलों को भी जोड़ेगी जो अब तक रेल मार्ग से नहीं जुड़े थे. इनमें महाराष्ट्र के 2 और मध्य प्रदेश के 4 जिले शामिल हैं. परियोजना की कुल लागत 18 हजार 36 करोड़ रुपए है. इस परियोजना को 2028-29 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके निर्माण के दौरान लगभग 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी. इस परियोजना के साथ 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे. जिससे आकांक्षी जिले बड़वानी को बेहतर सम्पर्क मिलेगा. नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1 हजार गांवों को सम्पर्क मिलेगा.

पर्यटन को मिलेगी बढ़ावा

परियोजना देश के पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ेगा जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगी. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों को आने जाने में सुविधा होगी. परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर (90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग) को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से सीधा सम्पर्क मिलेगा.

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लॉजिस्टिक कॉस्ट को करेगा कम

कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पीओएल आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए यह एक आवश्यक मार्ग है. बताया जा रहा है कि क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) के अतिरिक्त माल ढुलाई होगी. रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक कॉस्ट, तेल आयात (18 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बन डाई साइड उत्सर्जन (138 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा, जो 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.

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