इंदौर: मध्य प्रदेश में आपराधिक न्याय प्रणाली को जल्द गति मिलने वाली है. हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने न्याय प्रणाली को डिजिटलाइजेशन करने को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है. दरअसल, पिछले दिनों एक सुनवाई कर न्याया प्रणाली की गति को दुरुस्त करने के लिए एक आदेश दिया था. जिसका परिणाम यह रहा कि अब जल्द ही डिजिटल और ऑनलाइन प्रणाली विकसित करने को लेकर एक योजना बना दी गई है.
जिसके चलते अब कोर्ट में एफआईआर, चालान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट, समन, वारंट और लीगल नोटिस जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज कुछ ही सेकंड में कोर्ट के समक्ष पहुंच जाएंगे. जिससे कोर्ट अब उस पर आसानी से सुनवाई कर सकता है.
कुछ सेकंड में दस्तावेज पहुंचेंगे कोर्ट
इंदौर हाईकोर्ट में कई बार किसी सुनवाई के दौरान एफआईआर रिपोर्ट के साथ ही चालान और फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं पहुंच पाती थी. जिसके कारण सुनवाई टल जाती थी. इन तमाम तरह की अटकलों को दूर करने के लिए पिछले दिनों कोर्ट ने सुनवाई कर मध्य प्रदेश डीजीपी सहित संबंधित अधिकारियों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करने के निर्देश दिए थे. उसका असर यह रहा कि अब आने वाले दिनों में ऑनलाइन तरीके से कोर्ट के समक्ष तमाम तरह की जानकारी कुछ ही सेकंड में भेजी जा सकती है.
कोर्ट ने एक माह में रिपोर्ट तैयार करने दिए निर्देश
वहीं हाईकोर्ट के रजिस्टार कुलदीप सिंह कुशवाहा और एससीआरबी चंचल शेखर को एक माह के भीतर रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा इंदौर पीठ के जस्टिस संजीव एस कलगांवकर ने 35 केस की डायरियां पेश न होने पर संज्ञान लिया और अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से इस डिजिटल परिवर्तन के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता पर उपलब्ध करवाने की अपेक्षा की है.