इंदौर। मालवांचल में गेहूं के उत्पादन में आई गिरावट के चलते इस बार किसान अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचने को तैयार नहीं हैं. दरअसल मंडियों के अलावा ओपन मार्केट में किसानों को समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव मिल रहा है. यही वजह है कि इस बार इंदौर कृषि उपज मंडी में साड़े 3 लाख मैट्रिक टन की तुलना में करीब 1,68,000 मैट्रिक टन ही खरीदी इस साल हो पाई है.
गेहूं खरीद पर 125 रुपये बोनस
दरअसल किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश सरकार किसानों का गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदती है. इस बार समर्थन मूल्य में 2275 के अलावा 125 रुपए राज्य सरकार की तरफ से बोनस दिया गया है. इस प्रकार ₹2400 प्रति क्विंटल के करीब गेहूं के खरीदी समर्थन मूल्य पर इंदौर की विभिन्न मंडियों में की जा रही है, लेकिन स्थिति यह है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद होने के पहले तक इस साल निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप खरीदी नहीं हो पाई है.
लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रही गेहूं की खरीदी
MARKFED (MP State Coperative Marketing Federation Limite) की मंडल प्रबंधक जेनिफर खान के मुताबिक, ''इस वर्ष 3,50,000 मैट्रिक टन का लक्ष्य सरकार की तरफ से दिया गया था. किंतु उसकी तुलना में आज दिनांक तक गेहूं की खरीदी 1,68,000 मैट्रिक टन के करीब हो पाई है. फिलहाल इंदौर जिले में समर्थन मूल्य के 91 खरीदी केंद्र पर गेहूं की खरीदी की जा रही है और मार्कफेड के मुताबिक इस बार गेहूं का उत्पादन अच्छा नहीं होने के कारण गेहूं के खरीदी लक्ष्य की पूर्ति होना संभव नहीं नजर आ रही है.''