इंदौर : इंदौर जिले के गौतमपुरा के ग्राम कुलाला के कृषक वीरेंद्र सिंह पटेल का सम्मान 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में किया जाएगा. इसके लिए राष्ट्रपति का निमंत्रण पत्र वीरेंद्र सिंह पटेल को मिला है. किसान वीरेंद्र सिंह पटेल ने केंद्र सरकार की कस्टम हायरिग योजना के तहत जिले में सबसे ज्यादा अत्याधुनिक कृषि उपकरण के जरिये क्षेत्र के एक हजार से ज्यादा किसानों को सुविधा उपल्बध कराई. वीरेंद्र की मेहनत व लगन का ही नतीजा है कि करीब एक हजार किसानों की जीवन बदल गया है.
वीरेंद्र ने साल 2016 में शुरू किया था काम
आत्मनिर्भर व उन्नत कृषक वीरेंद्र सिंह पटेलबताते हैं "साल 2016 में केंद्र सरकार की योजना कस्टम हायरिंग के तहत 25 लाख की लागत से अपना आंजना कस्टम हायरिंग सेंटर ग्राम कुलाला में स्थापित किया. इसमें केंद्र सरकार से 10 लाख की सब्सिडी भी मिली. 9 लाख रुपये बैंक से फाइनेंस कराए. वीरेंद्र ने इसके अलावा अपने घर से 6 लाख रुपये इस काम और लगाए. इसके बाद अपनी मेहनत व लगन से वीरेंद्र पटेल किसानों के बीच लोकप्रिय हो गए. वीरेंद्र सिंह का कस्टम हायरिग सेंटर 25 लाख से शुरू हुआ था, अब उनके 1 करोड़ 50 लाख से अधिक के कृषि यंत्र उपलब्ध हैं.
किसान वीरेंद्र पटेल का राष्ट्रपति करेंगी सम्मान (ETV BHARAT) किसानों को उपलब्ध कराते हैं कृषि यंत्र
वीरेंद्र पटेल बहुत कम किराये पर कृषि यंत्र किसानों को उपलब्ध कराते हैं. आसपास के 10 से ज्यादा गांवों के छोटे व मध्यम किसानों का जीवन वीरेंद्र पटेल की पहल ने बदलकर रख दिया है. इसके साथ ही वीरेंद्र पटेल ने कई युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया है. वीरेंद्र पटेल को साल 2018 में जिले का सर्वोत्तम उत्कृष्ट कृषक का पुरस्कार प्राप्त हो चुका है. किसान वीरेंद्र ने अपने कस्टम हायरिग सेंटर के माध्यम से खुद को तो आत्मनिर्भर बनाया ही है. क्षेत्र के किसानों को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है.
कृषि यंत्रों ने बदली किसान वीरेंद्र पटेल की किस्मत (ETV BHARAT) 8 साल के अंदर इलाके के किसानों की किस्मत बदली
कृषक वीरेन्द्र पटेल के काम को देखते हुए मध्यप्रदेश के कृषि विभाग के अधिकारियों ने इसकी जानकारी केंद्र के अधिकारियों को दी. इसके बाद 26 जनवरी 2025 को वीरेंद्र सिंह पटेल को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित करवाने का निर्णय हुआ. किसान वीरेंद्र सिंहने बताया "कस्टम हायरिंग केंद्र की शुरुआत में उनके पास 9 कृषि यंत्र थे, जिसमे ट्रैक्टर से चलने वाले रोटावेटर, प्लव, स्ट्रारिपर, थ्रेसर आदि थे. लेकिन अब उनके केंद्र पर 40 से ज्यादा कृषि यंत्र हैं, जिसमे 3 बड़ी हाइवेस्टर कम्बाईन, गालिफ़ प्लांटर, स्प्रेपम्प आदि अत्याधुनिक यंत्र हैं."