इंदौर।आमतौर पर जमीनों और राजस्व से जुड़े मामलों का निराकरण करने वाले पटवारी और राजस्व अधिकारियों की अवैध वसूली और मनमानी की शिकायतें आम हैं. इंदौर जिले में ऐसे लापरवाह और मनमानी करने वाले पटवारी और राजस्व अधिकारियों के खिलाफ अब कठोर कार्रवाई की तैयारी की गई है. इस संभाग का इंदौर ऐसा पहला जिला है जहां राजस्व अधिकारियों और पटवारी को सीधे तौर पर उनकी मनमानी पर दंडित करने के लिए चेतावनी दी गई हो.
कलेक्टर ने किया रेवेन्यू कोर्ट का आकस्मिक निरीक्षण
राजस्व प्रकरणों के निराकरण में देरी के साथ जमीनों के बंटवारे और सीमांकन के मामलों में लापरवाही के चलते इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को लगातार शिकायतें मिल रहीं थी और उन्होंने अपने अधीनस्थ रेवेन्यू कोर्ट का आकस्मिक निरीक्षण किया था. इस निरीक्षण के बाद जो रिपोर्ट आई. उसमें पटवारी और राजस्व अधिकारियों की कार्य के प्रति लापरवाही और राजस्व कोर्ट में विभिन्न मामलों का नहीं रखा जाना आदि शामिल था. इसके अलावा लोक सेवा गारंटी के प्रकरणों में भी पटवारी और राजस्व निरीक्षकों द्वारा उपेक्षा करना पाया गया था. कलेक्टर के निरीक्षण के बाद हालांकि दूसरी रिपोर्ट अभी आना बाकी है.
कलेक्टर ने बैठक लेकर दी सख्त हिदायत
कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों, पटवारी सहित अन्य राजस्व अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा की "अपने कार्यों में सुधार लाएं. राजस्व न्यायालय में दर्ज प्रकरणों की नियमित सुनवाई कर उनका तुरंत समाधान करें. प्रकरणों के निराकरण में किसी भी तरह की लेटलतीफी और उदासीनता नहीं बरती जाए. विभागीय कार्यों में सुधार के लिए उन्हें अंतिम अवसर दिया जा रहा है. लगातार समझने के बाद भी यदि राजस्व अधिकारी और पटवारियों ने अपने कामों में सुधार नहीं किया तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी".