इंदौर। आमतौर पर प्रदेश के हर जिलों में मुक्तिधामों की स्थिति जर्जर और उपेक्षित है. लेकिन स्वच्छ शहर इंदौर ने न केवल सभी मुक्तिधामों को विकसित कर रखा है बल्कि वह रखरखाव की दृष्टि से भी सबसे उन्नत और अत्याधुनिक श्रेणी में है. दरअसल इसकी वजह है शहर के बिल्डरों और सामाजिक संस्थाओं से प्राप्त होने वाली सीएसआर फंड की राशि. जिसके उपयोग से एक बार फिर एक दर्जन मुक्तिधामों के विकास के अलावा महिला बाल विकास और सामाजिक न्याय विभाग के कार्यालय का भी रखरखाव और निर्माण होने जा रहा है.
फंड से मुक्तिधाम और कार्यालय का होगा कायाकल्प
दरअसल, इंदौर में CREDAI (Confederation of Real Estate Developers' Associations of India) के अलावा रियल एस्टेट सेक्टर की कई बड़ी कंपनियां हैं, जो सीएसआर फंड के तहत फंडिंग करती हैं. सीएसआर फंड को सामाजिक गतिविधियों के लिए खर्च करने की ऐसी ही बाध्यता सामाजिक संस्थाओं को लेकर भी है. लिहाजा इंदौर जिला प्रशासन ने इस मद में प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग शहर के तमाम मुक्तिधामों के विकास के अलावा जरूरत के मुताबिक शासकीय कार्यालय के रखरखाव के लिए कर रखा है. यही वजह है कि अन्य शहरों की तुलना में यहां के मुक्तिधाम सुव्यवस्थित और सुविधा जनक हैं. इस साल इंदौर जिला प्रशासन ने फिर सीएसआर फंड के तहत शहर के एक दर्जन मुक्ति धाम और 10 शासकीय कार्यालय के परिसर जिनमें महिला बाल विकास एवं सामाजिक कल्याण विभाग के परिसर हैं उन्हें उन्नत करने का फैसला किया है.
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