इंदौर:कहते हैं बुलंद हौसले और जिंदादिली से किसी भी मुश्किल से जीता जा सकता है, कुछ ऐसी ही है इंदौर की कयाकिंग कैनोइंग प्लेयर पूजा गर्ग की कहानी है. जो घातक कैंसर बीमारी के साथ शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद भी हिमालय की 14000 फीट ऊंचाई पर स्थित नाथुला दर्रे की चढ़ाई चढ़ने जा रही हैं.
दिव्यागंता के साथ बीमारी से लड़ने का किया फैसला
2010 के पहले इंटरनेशनल कयाकिंग कैनोइंग प्लेयर रहते उन्होंने कई नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन एक दुर्घटना में उनकी रीड की हड्डी टूटने के कारण वे चलने में असमर्थ होकर हो गईं और व्हीलचेयर पर आ गईं. इसी बीच स्पाइन फैक्चर के कारण ही उन्हें बोन कैंसर हो गया, लेकिन वह बीमारियों से घबराकर इलाज के दौरान घर बैठने के बजाय अपनी दिव्यांगता के साथ कैंसर का डटकर मुकाबला कर रही हैं.
नुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है: पूजा
पूजा गर्ग का मानना है कि "पॉजिटिविटी के साथ मन में बीमारियों से लड़ने की हिम्मत हो, तो कोई भी बीमारी आपको हरा नहीं सकती. क्योंकि कोई भी मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है. जैसा वह विश्वास करता है, वैसा बन जाता है. लिहाजा उन्होंने खुद को एक बड़ा चैलेंज देते हुए अपनी बीमारी को हराने की जिद के तहत सिक्किम की पहाड़ी श्रृंखला पर हिमालय की चोटी पर मौजूद नाथुला दर्रा की चढ़ाई चढ़ने का फैसला किया है. पूजा के मुताबिक 24 दिन की इस यात्रा में वह 24 किलोमीटर का सफर तय करेंगी और मोटरसाइकिल चलाते हुए 14140 फीट की ऊंचाई पर नाथुला दर्रे की राइड करेगी."
मां के साथ करेंगी कठिन यात्रा
पूजा के पिता के स्वर्गवास के बाद उनकी हर मुश्किल में उनकी मां रेखा गर्ग साथ रही हैं. इसलिए वह अपनी मां के साथ ही यह यात्रा आरंभ करेंगी. इसके लिए उन्होंने रॉयल एनफील्ड हिमालयन बाइक को मॉडिफाई करने की तैयारी की है. जिसके लिए वह स्पॉन्सरशिप भी तलाश रही हैं. यात्रा में उनके साथ चार बाइकर की टीम रहेगी. जिसमें इंदौर के बाइकर मोहित राव जाधव सहित अन्य लोग शामिल होंगे.