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अब बिहार में इस रूट पर 160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेन, रेल ट्रैक पर फैंसिंग काम पूरा होते ही बढ़ेगी रफ्तार - train speed to 160 kmph

East Central Railway : देश में 412 किलोमीटर लंबे रूट पर ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रहेगी. इसके लिए रेलवे ट्रैक पर फैंसिंग का काम चल रहा है. बिहार में 231 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया गया है. जबकि शेष जगहों पर काम प्रगति पर है. जैसे ही ये काम पूरा होगा इस रूट पर ट्रेनें तूफान से भी तेज दौड़ेंगी.

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160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार में दौड़ेगी ट्रेन (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 2, 2024, 10:32 PM IST

मुजफ्फरपुर : देश में हाई स्पीड ट्रेन चलाने की दिशा में काम हो रहा है. इसके लिए रेलवे ट्रैक पर फैंसिंग का काम पूरा हो गया है. प्रमुख मार्गों पर ट्रेन की रफ्तार 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दी गई है. रेलवे ट्रैक के दोनों किनारों पर सुरक्षा बाड़ लगाए जा रहे हैं. इसके तहत बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश राज्य में पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार के लगभग 412 किलोमीटर लंबे ग्रैंड कॉर्ड रेलवे ट्रैक को कवर किया जा रहा है.

160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी ट्रेन: प्रधानखंटा से धनबाद, नेसुबो गोमो, कोडरमा, गया, सोननगर होते हुए पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक 412 किलोमीटर रेलखंड में से 231 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेंसिंग का कार्य पूरा हो चुका है. इसकी जानकारी देते हुए पूर्व मध्य रेल के मुख जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया की पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 200 किलोमीटर में से 110 किलोमीटर रेलवे ट्रैक फेंसिंग का कार्य प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंटेड स्लैब लगाकर पूरी की जा चुकी है.

रेलवे ट्रैक के दोनों ओर फैंसिंग का काम जारी (ETV Bharat)

''90 किलोमीटर का कार्य क्रैस बैरियर लगाकर जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. इसी तरह धनबाद मंडल में आने वाले 175 किलोमीटर ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड में सें 25 किलोमीटर लंबे घाट सेक्शन छोड़कर शेष 150 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेसिंग की जानी है. इनमें अब तक 121 किलोमीटर का कार्य प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंटेड स्लैब लगाकर पूरा हो चुका है. 29 किलोमीटर का कार्य क्रैस बैरियर लगाकर अगस्त, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है.''- सरस्वती चंद्र, मुख्य जन संपर्क अधिकारी, ईसीआर

रेलवे किनारों पर फैंसिंग का काम पूरा: बताते चले कि प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंट के ढलाई किया हुआ स्लैब को दो पिलरों के बीच स्थापित कर दिया जाता है. साथ ही, क्रैस बैरियर स्टील के दो पिलरों के मध्य एक सीमित ऊँचाई के अंतराल पर दो स्टील प्लेटों को लगाया जाता है. बहुप्रतीक्षित ट्रैक फेंसिंग के कई फायदे हैं. फेंसिंग कार्य पूरा हो जाने के बाद इन रेलखंडों पर गाड़ियों का आवागमन और सुगम हो जाएगा. जिससे ट्रेनों का समय पालन बनाए रखने में मदद मिलेगी एवं अतिरिक्त ट्रेनों का परिचालन भी हो सकेगा और अप्रिय घटनाओं पर रोक लग सकेगी.

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