नई दिल्ली:आज देश का हर एक नागरिक अथवा देश सुरक्षित है तो इसका प्रमुख श्रेय भारत के उन वीर सपूत जवानों को है जो अपनी जान की परवाह करे बगैर देश के लिए अपने घरों से दूर सेवा दे रहे हैं. हर साल हमारे देश की सुरक्षा में तैनात हमारे कई जवान शहीद हो जाते हैं. आज हम एक ऐसे ही देश के वीर सपूत लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त की बात कर रहे हैं. जिसने 20 जुलाई 1997 को कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी.
शहादत वर्षगांठ पर दी गई श्रद्धांजलि:आज दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त पार्क में उनकी 27वीं शहादत वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि देने के लिए इंडियन आर्मी और डिफेंस कॉलोनी के स्थानीय लोग शामिल हुए आर्मी के तौर तरीके और पूरे सम्मान के साथ शहीद लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. श्रद्धांजलि सभा में शाहिद लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त के कई फैमिली मेंबर समेत कस्तूरबा नगर से स्थानीय विधायक मदनलाल और निगम पार्षद अनीता बसोया शामिल हुई. श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय सेवा से रिटायर्ड मेजर रंजीत सिंह ने की.
मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित:आपको बता दे कि, लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल के अधिकारी थे. उन्हें भारतीय सेना के एक ऑपरेशन में दिखाई गई बहादुर के लिए मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च शांति कालीन वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था. 20 जुलाई 1997 को उन्होंने देश की रक्षा करते-करते अपने प्राण निछावर कर दिए. हर साल दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके में उनकी शहादत को याद किया जाता है. और डिफेंस कॉलोनी के तमाम लोग और इंडियन आर्मी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है.