भारतीय समय अनुसार आज रात 9 बजकर 12 मिनट पर सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. 54 साल बाद दुनिया एक पूर्ण सूर्य ग्रहण देखेगी. भारत में भले ही ग्रहण दिखाई न दे पर इसे लेकर विशेष तैयारियां की जाती हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि यूं तो ग्रहण काल के दौरान सूतक लागू होता है और मंदिरों के पठ बंद कर दिए जाते हैं पर भारत में ग्रहण नहीं दिखाई देने से मंदिरों में सूतक मान्य नहीं होगा. इसकी जगह कई तरह की विशेष तैयारियां की गई हैं. आइए जानते हैं मैहर वाली माता से लेकर, राम राजा सरकार और खजराना गणेश तक सूर्यग्रहण को लेकर इन मंदिरों में क्या कुछ होगा.
ग्रहण के बाद बदलेगा माता का श्रृंगार
कैमूर व विंध्य की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच त्रिकूट पर्वत पर शारदा माता का विश्व प्रसिद्ध मैहर मंदिर स्थित है. पहाड़ों पर 600 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में हर रोज हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. वहीं सूर्य ग्रहण का यहां कोई असर दर्शन व्यवस्था पर नहीं पड़ेगा. मंदिर प्रबंध समिति ने ईटीवी को बताया कि सूतक मान्य नहीं होने से तय समय अनुसार मंदिर में रोजाना की तरह अनुष्ठान व दर्शन होंगे. वहीं ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर को स्वच्छ कर माता का श्रृंगार बदला जाएगा. बताया गया कि यहां मंगलवार 9 अप्रैल से शुरू हो रही नवरात्रि को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं और लाखों भक्तों की भीड़ यहां उमड़ेगी.
सूर्यग्रहण के दौरान भगवान राम को सलामी
ओरछा में भी भगवान राम के प्राचीन मंदिर में सूर्य ग्रहण का सूतक मान्य नहीं है और हमेशा की तरह भगवान को परेड निकालकर सलामी दी जाएगी. दरअसल, ओरछा में रामराजा सरकार का ही शासन चलता है. कहा जाता है कि भगवान राम यहां राजा के रूप में राजपाठ चलाते हैं और रात्रि विश्राम के लिए अयोध्या चले जाते हैं. जब भगवान राम रात्रि विश्राम के लिए अयोध्या जाते हैं तब उन्हें सलामी दी जाती है. आज सूर्य ग्रहण के बावजूद भक्त इस अद्भुत पल के साक्षी होंगे.