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जानिए, किन लोकसभा सीटों पर पिछड़ी जातियों को गोलबंद करने की फिराक में इंडिया गठबंधन और एनडीए! - Lok Sabha Election 2024

Politics regarding OBC voters. लोकसभा चुनाव 2024 में वोटर्स को साधने के लिए राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी जी-जान से लगे हैं. ऐसा कोई भी समीकरण नहीं है, जिनपर वो काम न कर रहे हों. झारखंड में पिछड़ी जातियों के वोटर्स को गोलबंद करने की कवायद में इंडिया गठबंधन और एनडीए जुटी है.

India Alliance and NDA trying to mobilize backward castes voters in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 17, 2024, 10:01 AM IST

Updated : May 17, 2024, 10:12 AM IST

ओबीसी वोटर्स को लेकर भाजपा, कांग्रेस और झामुमो नेताओं के बयान (ETV Bharat)

रांची: झारखंड में लोकसभा की कुल 14 सीटें हैं, जिनमें 08 सीट सामान्य कोटे की सीट है. इन आठ लोकसभा सीटों पर भाजपा अपनी जीत को बरकरार रखने की हरसंभव कोशिश कर रही है. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन इस कोशिश में है कि भाजपा की जीती हुई सीट उनके कब्जे में आ जाए.

ऐसे में दोनों दलों की नजर ओबीसी वोटरों की गोलबंदी पर है. भले ही दोनों दलों के नेता यह कह रहे हैं कि वह सभी को साथ लेकर चुनाव जीतना चाहते हैं. लेकिन एक हकीकत यह है कि अलग-अलग सीटों पर एनडीए और इंडिया गठंबधन के दल जातीय गोलबंदी के भरोसे चुनावी वैतरणी को पार करना चाहते हैं.

इन लोकसभा सीटों पर एनडीए की चाहत ओबीसी गोलबंदी

झारखंड में ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है. ऐसे में एनडीए (भाजपा और आजसू) ने राज्य की 08 सामान्य कोटि की लोकसभा सीट में से 06 लोकसभा सीट पर ओबीसी उम्मीदवार को इसी उम्मीद में चुनाव मैदान में उतारा है कि ओबीसी वोटरों की गोलबंदी उनके पक्ष में होगी और चुनावी लाभ एनडीए को मिलेगा. इसी तरह इंडिया गठबंधन भी जिन लोकसभा की सामान्य कोटि की सीट (हजारीबाग, गोड्डा और गिरिडीह) पर ओबीसी, एसटी, मुस्लिम और ईसाई वोटरों की गोलबंदी से चुनावी जंग जीतना चाहती है.

जानें, किस सामान्य सीट पर कौन-सा अलायंस है ओबीसी गोलबंदी के भरोसे

कोडरमा लोकसभा सीटः इस लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा की अन्नपूर्णा देवी और माले उम्मीदवार विनोद कुमार सिंह के बीच है. भाजपा की कोशिश अपने परंपरागत वोटों के साथ-साथ यादव वोटर्स को भी अपने पक्ष में करने की है. भाजपा उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी यादव समाज से आती हैं. वहीं इंडिया गठबंधन से माले के उम्मीदवार विनोद कुमार सिंह सवर्ण क्षत्रिय समाज से आते हैं.

कोडरमा लोकसभा सीट (ETV Bharat)

रांची लोकसभा सीटः इस प्रतिष्ठित लोकसभा सीट पर भी एनडीए की योजना अपने परंपरागत वोट के साथ-साथ ओबीसी वोटर्स को अपने पक्ष में करने की है. यहां भाजपा ने बनिया जाति से आने वाले संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया है. इस मुकाबले में कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय हैं.

रांची लोकसभा सीट (ETV Bharat)

धनबाद लोकसभा सीटः एनडीए और भाजपा, एक और सीट पर जीत के लिए ओबीसी वोट की गोलबंदी पर भरोसा किये बैठी है, वह धनबाद सीट है. यहां पर ओबीसी के तेली समाज से आनेवाले ढुल्लू महतो को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी के सामने कांग्रेस से क्षत्रिय समाज से आनेवाली अनुपमा सिंह प्रत्याशी हैं. भाजपा को उम्मीद है कि इस सीट पर भी ओबीसी की गोलबंदी ढुल्लू महतो के पक्ष में होगी.

धनबाद लोकसभा सीट (ETV Bharat)

जमशेदपुर लोकसभा सीटः इस सीट पर भी भाजपा ने ओबीसी कुर्मी जाति से आनेवाले उम्मीदवार विद्युत वरण महतो पर पुनः भरोसा जताया है. भाजपा के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि शहरी वोटरों और भाजपा के परंपरागत वोटों के साथ-साथ ओबीसी वोटों की भाजपा के पक्ष में गोलबंदी से भाजपा की आसान जीत होगी. जमशेदपुर में झामुमो ने इंडिया गठबंधन के तहत ओड़िया ब्राह्मण परिवार से आनेवाले समीर मोहंती को उम्मीदवार बनाया है.

जमशेदपुर लोकसभा सीट (ETV Bharat)

गोड्डा लोकसभा सीटः गोड्डा लोकसभा सीट पर हालात विपरित है. यहां एनडीए की जगह इंडिया गठंबधन ओबीसी मुस्लिम और आदिवासी वोटर्स की गोलबंदी कर लोकसभा चुनाव में सवर्ण ब्राह्मण परिवार से आनेवाले भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे को पराजित करने की योजना बना रहा है. इस लोकसभा सीट से कांग्रेस ने ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए अपनी घोषित प्रत्याशी दीपिका पांडेय सिंह को बदल कर प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया है, जो यादव समाज से आते हैं.

गोड्डा लोकसभा सीट (ETV Bharat)

इसके अलावा हजारीबाग और गिरिडीह लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला ओबीसी उम्मीदवारों के बीच है. वहीं चतरा लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला दो सवर्ण समुदाय से आनेवाले उम्मीदवारों के बीच है.

हजारीबाग और चतरा लोकसभा सीट (ETV Bharat)

जातीय गोलबंदी के लिए जाति और समाज देखकर नेताओं की हो रही है चुनावी सभाएं

झारखंड में जातीय और ओबीसी वोटर्स की गोलबंदी के लिए अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र में जगह विशेष के हिसाब से तेजस्वी यादव से लेकर मोहन यादव तक की चुनावी सभाएं हो रही हैं. यह और बात है कि मीडिया के सामने कोई भी दल इस बात को नहीं स्वीकारती कि ओबीसी की गोलबंदी के भरोसे चुनाव में जीत का हिसाब लगाया जा रहा है.

ओबीसी कांग्रेस की ओर- निरंजन पासवान

राज्य में दोनों बड़े एनडीए और इंडिया गठबंधन दलों की ओबीसी वोटर्स पर नजर है. इसके सवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निरंजन पासवान ने कहा कि भाजपा ओबीसी विरोधी रही है जबकि उनके नेता राहुल गांधी सार्वजनिक मंच से ओबीसी समुदाय की हिस्सेदारी की बात करते हैं. निरंजन पासवान ने कहा कि ओबीसी की पहली पसंद कांग्रेस ही है.

हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं- झामुमो

राज्य में इंडिया गठंबधन के तहत झामुमो पांच लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है. इसमें दो सामान्य सीट हैं इसमें एक पर ओबीसी महतो को उम्मीदवार हैं. जबकि दूसरे पर ब्राह्मण को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता प्रो. अशोक कुमार सिंह कहते हैं कि उनके नेता सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं.

सबका साथ और सबका विकास है हमारा स्लोगन

राज्य के ओबीसी वोटर्स पर भाजपा की नजर के सवाल ओर झारखंड भाजपा के प्रदेश मीडिया सह संयोजक तारिक इमाम ने कहा कि हमारी पार्टी सबका साथ और सबका विकास चाहती है. तारिक इमाम कहते हैं कि हमारे सभी प्रत्याशी चुनाव जीत रहे हैं. हम राजनीति में जातीयता नहीं लाते हैं.

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Last Updated : May 17, 2024, 10:12 AM IST

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