रांची: झारखंड में लोकसभा की कुल 14 सीटें हैं, जिनमें 08 सीट सामान्य कोटे की सीट है. इन आठ लोकसभा सीटों पर भाजपा अपनी जीत को बरकरार रखने की हरसंभव कोशिश कर रही है. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन इस कोशिश में है कि भाजपा की जीती हुई सीट उनके कब्जे में आ जाए.
ऐसे में दोनों दलों की नजर ओबीसी वोटरों की गोलबंदी पर है. भले ही दोनों दलों के नेता यह कह रहे हैं कि वह सभी को साथ लेकर चुनाव जीतना चाहते हैं. लेकिन एक हकीकत यह है कि अलग-अलग सीटों पर एनडीए और इंडिया गठंबधन के दल जातीय गोलबंदी के भरोसे चुनावी वैतरणी को पार करना चाहते हैं.
इन लोकसभा सीटों पर एनडीए की चाहत ओबीसी गोलबंदी
झारखंड में ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है. ऐसे में एनडीए (भाजपा और आजसू) ने राज्य की 08 सामान्य कोटि की लोकसभा सीट में से 06 लोकसभा सीट पर ओबीसी उम्मीदवार को इसी उम्मीद में चुनाव मैदान में उतारा है कि ओबीसी वोटरों की गोलबंदी उनके पक्ष में होगी और चुनावी लाभ एनडीए को मिलेगा. इसी तरह इंडिया गठबंधन भी जिन लोकसभा की सामान्य कोटि की सीट (हजारीबाग, गोड्डा और गिरिडीह) पर ओबीसी, एसटी, मुस्लिम और ईसाई वोटरों की गोलबंदी से चुनावी जंग जीतना चाहती है.
जानें, किस सामान्य सीट पर कौन-सा अलायंस है ओबीसी गोलबंदी के भरोसे
कोडरमा लोकसभा सीटः इस लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा की अन्नपूर्णा देवी और माले उम्मीदवार विनोद कुमार सिंह के बीच है. भाजपा की कोशिश अपने परंपरागत वोटों के साथ-साथ यादव वोटर्स को भी अपने पक्ष में करने की है. भाजपा उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी यादव समाज से आती हैं. वहीं इंडिया गठबंधन से माले के उम्मीदवार विनोद कुमार सिंह सवर्ण क्षत्रिय समाज से आते हैं.
रांची लोकसभा सीटः इस प्रतिष्ठित लोकसभा सीट पर भी एनडीए की योजना अपने परंपरागत वोट के साथ-साथ ओबीसी वोटर्स को अपने पक्ष में करने की है. यहां भाजपा ने बनिया जाति से आने वाले संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया है. इस मुकाबले में कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय हैं.
धनबाद लोकसभा सीटः एनडीए और भाजपा, एक और सीट पर जीत के लिए ओबीसी वोट की गोलबंदी पर भरोसा किये बैठी है, वह धनबाद सीट है. यहां पर ओबीसी के तेली समाज से आनेवाले ढुल्लू महतो को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी के सामने कांग्रेस से क्षत्रिय समाज से आनेवाली अनुपमा सिंह प्रत्याशी हैं. भाजपा को उम्मीद है कि इस सीट पर भी ओबीसी की गोलबंदी ढुल्लू महतो के पक्ष में होगी.
जमशेदपुर लोकसभा सीटः इस सीट पर भी भाजपा ने ओबीसी कुर्मी जाति से आनेवाले उम्मीदवार विद्युत वरण महतो पर पुनः भरोसा जताया है. भाजपा के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि शहरी वोटरों और भाजपा के परंपरागत वोटों के साथ-साथ ओबीसी वोटों की भाजपा के पक्ष में गोलबंदी से भाजपा की आसान जीत होगी. जमशेदपुर में झामुमो ने इंडिया गठबंधन के तहत ओड़िया ब्राह्मण परिवार से आनेवाले समीर मोहंती को उम्मीदवार बनाया है.
गोड्डा लोकसभा सीटः गोड्डा लोकसभा सीट पर हालात विपरित है. यहां एनडीए की जगह इंडिया गठंबधन ओबीसी मुस्लिम और आदिवासी वोटर्स की गोलबंदी कर लोकसभा चुनाव में सवर्ण ब्राह्मण परिवार से आनेवाले भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे को पराजित करने की योजना बना रहा है. इस लोकसभा सीट से कांग्रेस ने ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए अपनी घोषित प्रत्याशी दीपिका पांडेय सिंह को बदल कर प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया है, जो यादव समाज से आते हैं.
इसके अलावा हजारीबाग और गिरिडीह लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला ओबीसी उम्मीदवारों के बीच है. वहीं चतरा लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला दो सवर्ण समुदाय से आनेवाले उम्मीदवारों के बीच है.