कानपुर: पूरे देश में 15 अगस्त बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार देश आजादी की 78वीं वर्षगांठ मना रहा है. कानपुर में आजादी के इस पर्व को मनाने की एक अनोखी और अलग ही परंपरा साल 1947 से चली आ रही है. यहां शहर के मिस्टर रोड पर 1 दिन पहले यानी 14 अगस्त की रात को ही ठीक 12:00 बजते ही झंडा फहराया जाता है. इस बार भी ठीक ऐसा ही किया गया.
वहीं, कांग्रेस कमेटी की ओर से भी यहां पर देर शाम से ही कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. आजादी के इस महापर्व में आधी रात से ही बच्चे, बूढ़े, युवाओं का हुजूम लगना शुरू हो जाता है. इन सभी के द्वारा एक स्वर में बोले गए भारत माता के जयकारे से पूरा आसमान गूंज उठता है. जश्ने आजादी की इस परंपरा को कांग्रेस ने आज तक जिंदा रखा हुआ है. हर वर्ष यहां पर इसी तरह आजादी का यह महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर दत्त मिश्रा ने बताया कि देश को जब आजादी मिली थी तो कानपुर में इस बात को लेकर लोगों के बीच एक विशेष उत्साह था. उस उत्साह का यह परिणाम था कि कानपुर में 14 अगस्त को न सिर्फ रोशनी की गई थी. बल्कि पूरे शहर को एक दुल्हन की तरह सजा दिया गया था. इसके साथ ही यहां पर कव्वाली, कीर्तन, आल्हा, कवि सम्मेलन समेत कई अलग-अलग तरह के विशेष आयोजन भी किए गए थे. जिस समय आजादी की घोषणा होने वाली थी. उस समय न सिर्फ यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, बल्कि यहां पर 14 अगस्त 1947 की रात में झंडा फहरा दिया गया. तभी से हर वर्ष यहां पर 14 अगस्त की रात 12 बजते ही झंडा फहराया जाता है. रात 12 बजे से ही स्वतंत्रता दिवस का जश्न शुरू हो जाता है.
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