नई दिल्ली: स्वतंत्रता संग्राम के नायकों द्वारा देश के कोने-कोने में पहुंचाकर लोगों को एकजुट करने में रेलवे की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी. स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी ने सबसे अधिक रेलवे का प्रयोग किया और उन्होंने देश के लोगों को एकजुट किया. महात्मा गांधी ने कहा था कि भारतीय रेल ने विविध संस्कृत के लोगों को एक साथ लाकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. दिल्ली स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र रही. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान रहा है. देश के विभिन्न हिस्सों से स्वतंत्रता सेनानी ट्रेन से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचते थे. आज देश आजादी के 77वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. स्वतंत्रता दिवस पर आइए नजर डालते हैं स्वतंत्रता संग्राम में रेलवे ने किस तरह भूमिका निभाई.
सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत पर कई बार बाहरी आक्रमणों से हमला किया और लूटा. देश में अंग्रेजों के हाथ में चला गया. देश की जनता ने इंतहा जुल्म सहा. लोगों के बीच से कुछ वीर सपूत निकले जिन्होंने लोगों में आजादी की अलख जगानी शुरू की.
10 मई 1857 का वह ऐतिहासिक दिन था, जब देश की आजादी के लिए मेरठ से पहली चिंगारी भड़की. उस समय संचार के बहुत ज्यादा माध्यम नहीं थे, जिससे की स्वतंत्रता के लिए देश के लोगों को आसानी से एकजुट किया जा सके. ऐसे में स्वतंत्रता सेनानियों ने ट्रेन का सहारा लिया. ट्रेन के जरिए देश के विभिन्न राज्यों में पहुंचे और लोगों के बीच आजादी की अलख जगाई. उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि 15 अप्रैल 1915 की शाम को पहली बार ट्रेन से महात्मा गांधी पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे.
दिल्ली स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र रही: स्वतंत्रता संग्राम में देश के विभिन्न राज्यों से स्वतंत्रता सेनानी दिल्ली रेलवे स्टेशन (पुरानी दिल्ली) पहुंचते थे. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, महात्मा गांधी ने सबसे ज्यादा ट्रेन से सफर किया. महात्मा गांधी ने ट्रेन से दिल्ली के अतिरिक्त गुजरात, महाराष्ट्र,उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार व अन्य राज्यों में जाकर लोगों के बीच आजादी के अलख जगाई.
महात्मा गांधी तीसरे दर्जे के डिब्बे में यात्रा किया करते थे, जिससे वह आम लोगों को अपने साथ जोड़ सकें. महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, ऊधम सिंह, चंद्रशेखर आजाद, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानी ट्रेन से एक से दूसरे शहर पहुंचते थे. रेलवे ने आजादी के लिए आंदोलन कर रहे लोगों के राह को आसान किया. इस तरह देश की आजादी में रेलवे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.