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प्री-बजट बैठक में CM का किसानों ,पशुपालकों व डेयरी संघ के प्रतिनिधियों से संवाद, ऊंटों की घट रही संख्या पर किसानों ने जताई चिंता - pre budget meeting - PRE BUDGET MEETING

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने शुक्रवार को किसानों, पशुपालकों और डेयरी संघ के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व चर्चा की. इस मौके पर सीएम भजन लाल शर्मा ने कहा कि किसानों को बिजली-पानी की कोई कमी नहीं होगी. उन्नत किसान से ही विकसित राजस्थान बनेगा. इसके साथ पशुपालकों की वित्तीय सुरक्षा के लिए राज्य सरकार संकल्पित है. वहीं किसानों ने लुप्त होते राज्य पशु के सरक्षण की मांग की.

प्री-बजट बैठक में CM संग चर्चा
प्री-बजट बैठक में CM संग चर्चा (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 22, 2024, 9:30 AM IST

प्री-बजट बैठक में CM संग चर्चा (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सीएमओ में किसानों, पशुपालकों और डेयरी संघ के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद किया गया. इस मौके उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दीया कुमारी, कृषि व उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा वीसी के माध्यम से जुड़े. इस मौके पर सीएम भजन लाल शर्मा ने कहा कि किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्वि ही राजस्थान की समृद्धि का प्रतीक है. उन्हें सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने से विकसित राजस्थान की मजबूत नीव तैयार होगी. उन्होंने आश्वस्त किया कि कृषक कल्याण के संबंधित विषयों को आगामी परिवर्तित बजट 2024-25 में सम्मिलित करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे. वहीं बैठक में किसानों ने राज्य पशु ऊंट की घट रही संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जैसे गाय का रखते है ख्याल, वैसे ऊंट पर भी दे.

अन्नदाताओं का ऋण नहीं चुकाया जा सकता : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि कृषि एक व्यवसाय नहीं, कर्तव्य है जिसे किसान पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं. अन्नदाताओं के हम सब ऋणी हैं, यह ऋण नहीं चुकाया जा सकता है. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं की लिस्ट में कृषक कल्याण सबसे ऊपर रहा है. मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में सबसे पहले किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी करने का कार्य किया था. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार का छह माह का कार्यकाल भी किसानों के सर्वांगीण विकास को समर्पित रहा है. हमारी सरकार ने तत्परता से गेहूं की एमएसपी पर 125 रुपये का बोनस देकर 2,400 रुपये प्रति क्विंटल करने और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देय राशि 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 8 हजार रुपये करने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है, साथ ही, 10 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण उपलब्ध भी करवाया जा रहा है.

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पानी अमृत समान : सीएम भजन लाल ने कहा कि किसानों के लिए पानी अमृत समान है, उनकी इस आवश्यकता की महत्ता के दृष्टिगत राज्य सरकार ने संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना (ईआरसीपी) पर मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के एमओयू कर परियोजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया है. प्रथम चरण में 9 हजार 600 करोड़ रुपये के कार्य प्रारंभ किए जा रहे हैं, यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के किसानों का भाग्य बदलने में निर्णायक साबित होगी. इस परियोजना से 21 जिलों के निवासियों के लिए पेयजल के साथ-साथ लगभग 25 लाख किसानों को 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध होगा. राज्य सरकार ने शेखावटी क्षेत्र के लिए यमुना जल समझौते करने के साथ ही इंदिरा गांधी नहर परियोजना, माही बांध परियोजना को भी आगे बढ़ाया है. सीएम ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण बिजली खरीद में घाटा रहा साथ ही दूसरे राज्यों को बिजली लौटानी पड़ रही है. हमारी सरकार ने दूरदर्शिता के साथ राज्य के विद्युत निगमों एवं केन्द्रीय उपक्रमों के मध्य 5 एमओयू व 1 पीपीए किए है. इससे आने वाले समय में प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा.

प्रतिनिधियों से किया संवाद (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

ऊंट पर भी ध्यान दे :इस बैठक में बीकानेर और जैसलमेर के किसानों और पशुपालकों ने सीएम भजनलाल शर्मा के सामने राज्य पशु ऊंट की लगातार कम होती संख्या पर चिंता जताई और कहा कि सरकार की बेरुखी के चलते पशुपालक ऊंट का पालन नहीं कर पा रहे हैं, जिस तरह से राज्य सरकार गाय को संरक्षण देती है. उसके लिए अलग से बजट का प्रावधान है, उसी तरह से राज्य पशु ऊंट के और भी ध्यान दिया जाए. दरअसल वसुंधरा सरकार ने साल 2015 में विधानसभा से कानून पास करवाकर ऊंट को राज्य पशु घोषित किया था, लेकिन उसके बाद से लगातार प्रदेश में ऊंट की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है.

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किसान पर्यवेक्षक भर्ती में महिलाओं को मिले 50 प्रतिशत आरक्षण : प्री बजट बैठक में जयपुर जिले की महिला किसान मंजू दीक्षित ने सुझाव देते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है. उसी प्रकार किसान पर्यवेक्षक भर्ती में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा कि खेती में 70 प्रतिशत महिलाएं ही काम करती है. अगर महिला पर्यवेक्षक होगी तो गांव में सरकार की योजनाओ को वह अच्छे से महिला किसानों को पहुंचा सकेगी. इसके साथ ही किसानों के प्रशिक्षण स्वरूप में बदलाव करके युवा और महिलाओं को प्रशिक्षित करने की मांग की है.

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