राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

पिछले पांच वर्ष में नागौर में लूट व चोरी के 2262 मामले दर्ज, मात्र 21 का खुलासा, शेष में पुलिस ने लगा दी एफआर - crime in nagaur - CRIME IN NAGAUR

नागौर जिले में बढ़ते अपराधों की हकीकत जानने के लिए सांसद हनुमान बेनीवाल ने पुलिस अधीक्षक से पिछले पांच साल की जानकारी मांगी थी. इसके अनुसार पुलिस की जांच प्रक्रिया बहुत सुस्त है. पिछले पांच साल में नागौर में लूट व चोरी के 2262 मामले दर्ज हुए, इसमें से मात्र 21 का खुलासा हुआ. शेष में पुलिस ने एफआर लगा दी.

crime in nagaur
सांसद बेनीवाल ने मांगी आपराधिक रिपोर्ट (photo etv bharat nagaur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 15, 2024, 11:13 PM IST

कुचामनसिटी.लूट व नकबजनी के एकाध मामलों का पर्दाफाश कर नागौर जिले के विभिन्न थानों की पुलिस खबरें छपवाकर भले ही शेखी बघार लेती हो, परन्तु सच्चाई यह है कि पिछले पांच वर्षों में लूट, डकैती व नकबजनी की वारदातों को खोलने में नागौर जिला पुलिस पूरी तरह से फैल रही है. ये कहना है सांसद हनुमान बेनीवाल का. उन्होंने गुरुवार को नागौर जिले में पिछले पांच वर्ष के आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी थी. पुलिस प्रशासन ने उन्हें दो दिन बाद जानकारी दी. इस जानकारी में ये तथ्य सामने आए.

पुलिस की ओर से सांसद बेनीवाल को दी गई जानकारी के अनुसार नागौर जिले में एक जनवरी 2019 से लेकर 31 दिसंबर 2023 तक चोरी, डकैती व लूट तथा नकबजनी के 2262 मामले दर्ज हुए. इनमें से 2241 मामलों में नागौर पुलिस ने बिना खुलासा किए ही एफआर लगा दी.

पढ़ें: गहलोत सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में बढ़ा अपराध का ग्राफ, आंकड़े कानून व्यवस्था की भयावह तस्वीर पेश कर रहे

इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच वर्षों में नागौर जिले में चोरी के 1684, नकबजनी के 556, लूट के 20, डकैती के 02 सहित कुल 2262 प्रकरण दर्ज हुए थे. नागौर के नवनिर्वाचित सांसद हनुमान बेनीवाल ने जिले में बढ़ते अपराध को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय से आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी थी. उन्होंने गुरुवार को एसपी को पत्र लिखकर लिखित में जानकारी मांगी थी. पुलिस प्रशासन ने दो दिन आपराधिक मामलों की जानकारी सांसद बेनीवाल को दी. सांसद बेनीवाल ने कहा कि नागौर जिले में 2000 से भी ज्यादा मामले पिछले कई वर्षों से पेंडिंग पड़े हैं. जिन पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं. इससे यह पता चलता है कि अपराध की संख्या बढ़ती जा रही है और सरकार अपराध रोकने में नाकाम है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details