नागौर. राजस्थान के नागौर में भजन संध्या के नाम पर आम भोले- भाले लोगो को बेवकूफ बनाकर आरोपियों ने 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी की थी. ठगी का ये खेल नागौर जिले में पिछले 7 महीनो से चल रहा था, लेकिन पुलिस के किसी बड़े अधिकारियों तक इस ठगी की भनक तक नहीं लगी. ठगी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 8 से ज्यादा घंटों तक लाइव होती रही, लेकिन फिर भी आरोपी ठग पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहे.
हालांकि, ईटीवी भारत ने इन ठगोरो का खुलासा किया तब आम लोगों को मालूम चला की इन ठगोरो ने नागौर जिले में 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर डाली. हालांकि, कुचेरा में हुई कारवाई के बाद भी पुलिस के पास केवल पांच खाली घड़े है क्योंकि आरोपी पुलिस के शिकंजे से काफी दूर हैं. पुलिस इस मामले राकेश छाबा तक नहीं पहुंच पाई है और राकेश छाबा के साथ और कई आरोपियों में से पुलिस किसी एक को भी गिरफ्तार नही कर पाई है.
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बाल कल्याण समिति ने लिया मामले में संज्ञान: ईटीवी भारत की खबर के बाद बाल कल्याण समिति ने पूरे मामले में संज्ञान लिया है. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज सोनी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा है की नागौर जिले में अनेकों जगह पर लक्की ड्रॉ के नाम पर देर रात तक बच्चों को मंच पर खड़ा करके बच्चो के हाथ से लक्की ड्रॉ का कूपन खुलवाने की जानकारी बाल कल्याण समिति के संज्ञान में आई है. नाबालिग बच्चों का प्रयोग ऐसी अपराधिक गतिविधियों में नहीं होना चाहिए.उन्होंने कहा कि जानकारी सामने आने के बाद से ही बाल कल्याण समिति पूरे प्रकरण की समीक्षा कर रही है. बाल कल्याण समिति अध्यक्ष मनोज सोनी ने कहा है की समीक्षा के बाद आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है. सट्टे जैसे प्रकरण में बच्चों का इस्तमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समिति के पास वीडियो आए हैं हम अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. बाल कल्याण समिति ने लोगों से अपील की है कि आप भी ऐसी जगहों पर अपने बच्चों को ना भिजवाए ये गैरकानूनी कृत्य है.