बूंदी. एक तरफ राज्य के शिक्षा मंत्री ने खुले में बैठा कर छात्र-छात्राओं को अध्ययन कराने पर रोक लगा दी है तो वहीं दूसरी ओर बूंदी शहर के बालिका विकास नगर स्कूल भवन में पढ़ने वाली छात्राएं डर के साये में रहकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है. छात्राओं की माने तो विद्यालय में लम्बे समय से नवीन भवन का कार्य प्रगति पर है जो भवन की द्वितीय मंजिल पर बनाया जा रहा है. उक्त भवन का कार्य पिछले 6 माह से बंद पड़ा हुआ है.
पानी के रिसाव व सीलन से हुए पंखे खराब : घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करने के चलते नीचे के भवन में पानी रिसने व सीलन आने से भवन जर्जर अवस्था में पहुंचता जा रहा है. जिसके चलते विद्यालय भवन के 21 से ज्यादा पंखे जलकर खराब हो गए हैं. वहीं, ट्यूबलाइट व वायरिंग भी जगह-जगह से फाल्ट हो गई है, जिससे दीवारों तक में करंट दौड़ने लगा है. छात्राएं कक्षा में जाने से भी कतराने लगी है. कई बार शॉर्ट सर्किट से आग तक लग चुकी है. छात्राओं ने बताया कि भवन का कार्य 6 माह से बंद पड़ा है, जिसके चलते ऊपर पानी भर जाने व घटिया निर्माण के कारण नीचे के भवन में पानी रिसने लगा है, जिससे भवन की छत का प्लास्टर जगह-जगह से टूटकर गिरने लगा है. कई बार छात्राएं व अध्यापक चोटिल होने से बच गए हैं. वहीं, भवन में दरारें तक आ गई है. दीवारों पर पानी रिसने व सीलन आने से करंट दौड़ने लगा है. कई जगह से लाइने भी फाल्ट हो गई है, जिसके चलते बच्चों को भीषण गर्मी में अंधेरे व बिना पंखों के पढ़ाई करनी पड़ रही है.
90 लाख की लागत से हो रहा है निर्माण : विद्यालय प्रशासन के अनुसार रमसा के माध्यम से लगभग 90 लाख की लागत से विद्यालय भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. यह निर्माण कार्य साइंस फैकल्टी के संचालक को लेकर किया जा रहा है, लेकिन पिछले 6 माह से भवन निर्माण अधूरा रहने के चलते छात्राओं को विषय की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे छात्राएं टीसी कटा कर अन्य विद्यालय में जा रही है. स्कूल प्रशासन के अनुसार यदि यही हालात रहे तो बालिकाओं को कक्षा कक्ष में बैठा कर पढ़ाई करना खतरनाक सिद्ध हो सकता है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. विद्यालय प्रशासन के अनुसार उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बावजूद भी हालत जज के तस है.