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BHU में स्नातक अब 4 साल का; नॉन JRF को भी मिलेगी फेलोशिप, कॉलेज के प्रोफेसर भी रख सकेंगे एक-एक पीएचडी स्कॉलर

BHU 4 Years Graduation: बीएचयू एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिए गए कई अहम निर्णय, स्पेशल कोर्सेज को शुरू करने पर भी सहमति बनी है.

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BHU में स्नातक अब 4 साल का. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में पहली बार हर एक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर एक-एक पीएचडी स्कॉलर रख सकेंगे. इसके साथ ही कॉलेजों में नॉन जेआरएफ छात्र-छात्राओं को भी फेलोशिप मिलेगी. वहीं, बीएचयू के 07 संकायों में ही चार साल के स्नातक की व्यवस्था लागू की गई है. एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह फैसले लिए गए हैं. बैठक में कई स्पेशल कोर्सेज को शुरू करने पर भी सहमति बनी है.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में अभी तक ये नियम था कि एक कॉलेज में अधिकतम 05 रिसर्च स्कॉलर ही हो सकते थे. एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह तय हुआ है कि संबद्ध कॉलेजों में एक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर एक-एक पीएचडी स्कॉलर रख सकेंगे. इस फैसले के बाद आर्य महिला, वसंता कॉलेज राजघाट, वसंत कन्या, महिला महाविद्यालय में भी रिसर्च और लैब की संख्या में इजाफा होगा.

चार साल के स्नातक की व्यवस्था लागू:BHU के 07 संकायों में चार साल के स्नातक की व्यवस्था लागू की गई है. इसमें कला संकाय, सामाजिक विज्ञान संकाय, मंच कला संकाय, दृश्य कला संकाय, वाणिज्य संकाय, विज्ञान संकाय और संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में चार साल के स्नातक कोर्स को अनुमति दी गई है. पीएचडी ऑर्डिनेंस में संशोधन, डिप्लोमा कोर्स को लेकर कई स्पेशल कोर्स को शुरू करने पर भी सहमति मिली है. 04 मल्टीडिसिप्लीनरी कोर्स लागू किए गए हैं और कई स्कॉलरशिप भी शुरू की गई हैं.

नॉन जेआरएफ छात्रों को भी फेलोशिप:फैसला लिया गया है कि अब कॉलेजों में नॉन जेआरएफ छात्रों को भी फेलोशिप मिलेगी. अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी. BHU से संबद्ध कॉलेज 8,000 रुपए फेलोशिप देंगे. ये उन्हें मिलेगी जो जेआरएफ नहीं हैं. वहीं, कॉलेजों के कोर्स की क्लास पहले BHU में चलती थी, लेकिन अब जिस कॉलेज से पीएचडी करनी होगी, कोर्स वर्क भी वहीं पर चलेगा. अतिरिक्त सीटों को नई पीएचडी बुलेटिन में जोड़ा जा रहा है. 06 साल के बाद पीएचडी में एक्सटेंशन नहीं मिलेगा, फिर से रजिस्ट्रेशन करना होगा. स्कॉलर को 10,000 रुपए देने होंगे.

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