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सावन के चौथे सोमवार पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, जानें शमी पत्र चढ़ाने का महत्व - Sawan Somwar vrat

Shami Plant In Lord Shiva Worship सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. विशेष रूप से सोमवार के दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है. वहीं शमी के वृक्ष के पत्तों को चढ़ाने का भी विशेष महत्व है. मान्यता है कि शमी के पत्ते चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी करते हैं.

sawan somwar 2024
सावन का चौथा सोमवार (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 12, 2024, 9:11 AM IST

Updated : Aug 12, 2024, 10:08 AM IST

चौथे सोमवार पर मंदिरों में उमड़ी लोगों की भीड़ (Video-ETV Bharat)

रामनगर:सावन का आज चौथा सोमवार है और मंदिरों, शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. श्रद्धालु मंदिरों में अपने-अपने तरीके से पूजा अर्चना कर रहे हैं. वहीं भगवान शिव को सबसे प्रिय शमी का पत्ता भी चढ़ाया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि एक शमी का पत्ता और 108 बेलपत्र के पत्ते चढ़ाना बराबर है. मान्यता है कि भगवान शिव को शमी का पत्ता चढ़ाने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

पूजा के लिए शमी पत्र तोड़ती महिला (Photo- ETV Bharat)

ऐसे करें भगवान शिव का आराधना:गौर हो कि आज सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. नैनीताल जिले में भी श्रद्धालु अलग-अलग मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक व पूजा अर्चना कर रहे हैं. साथ ही भगवान शिव को खुश करने के लिए बेलपत्र, शमी के पत्ते आदि फूल अर्पित कर रहे हैं. मान्यता है कि सावन महीने में भगवान शिव को शमी पत्र अर्पित करने से मनचाहा फल मिलता है.

श्रद्धालु भगवान शिव को चढ़ाते हैं शमी पत्र (Photo- ETV Bharat)

इस मंत्र का करें जाप:वहीं शिव मंदिर के पुजारी पंडित रायकुमार शर्मा ने कहा कि सावन महीने में सुबह शिवालय में जाकर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें और तांबे के लोटे में जल, गंगाजल, सफेद चंदन आदि मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. इस दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. इसके बाद भगवान भोलेनाथ को शमी पत्र अर्पित करें,शमी पत्र चढ़ाते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. कहा कि शमी का पेड़ बेहद शुभ माना जाता है.

भगवान शिव को काफी पसंद है शमी पत्र (Photo- ETV Bharat)

भगवान शिव को प्रिय शमी का पत्ता:मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद जब श्री राम वापस अयोध्या लौट रहे थे, तब उन्होंने शमी की पूजा की थी. रायकुमार शर्मा ने बताया कि शिवपुराण के अनुसार शमी के पत्तों का विशेष महत्व है. यह वृक्ष पूजनीय और पवित्र तो है ही,इससे शनि के सभी दोषों से मुक्ति मिलती है. इसी के साथ शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढ़ाने से सौभाग्य की मनोकामना पूरी होती है. पौराणिक मान्यताओं में शमी का वृक्ष बड़ा ही मंगलकारी माना गया है. मान्यता यह भी है कि महाभारत के समय जब पांडवों को अज्ञातवास दिया गया, तब उन्होंने अपने अस्त्र-शस्त्र शमी के वृक्ष में ही छिपाए थे.

शमी का एक पत्ता 108 बेलपत्र के बराबर:नवरात्रि में भी मां दुर्गा का पूजन शमी वृक्ष के पत्तों से करने का विधान है. भगवान शिव के साथ-साथ गणेश गणेश और शनिदेव, दोनों को ही शमी बहुत प्रिय है.इसलिए शमी के पेड़ की पूजा का हिंदू धर्म में महत्व और भी अधिक हो जाता है.गौर हो कि आयुर्वेद में भी शमी का काफी अधिक महत्व है,कई दवाओं में इस पेड़ की पत्तियां, जड़ और तने का उपयोग होता है. रायकुमार शर्मा ने कहा कि शमी का एक पत्ता चढ़ाना बेलपत्र के 108 पत्तियों के बराबर है, क्योंकि शमी के एक पत्ते में कई छोटी-छोटी पत्तियां होती हैं, जिन्हें गिनेंगे तो स्वयं ही 108 हो जाएंगे.

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Last Updated : Aug 12, 2024, 10:08 AM IST

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