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बुढ़वा महादेव पर जल चढ़ाने के बाद ही देवघर जाते हैं हजारीबागवासी, 400 साल पुरानी परंपरा आज भी है कायम - Budhwa Mahadev Temple

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 2, 2024, 9:38 AM IST

Budhwa Mahadev Temple. हजारीबाग का बुढ़वा महादेव मंदिर काफी प्राचीन मंदिर है. मान्यता है कि इस मंदिर में जलार्पण करने के बाद ही श्रद्धालु देवघर जाते हैं.

Budhwa Mahadev Temple
बुढ़वा महादेव मंदिर (ईटीवी भारत)

हजारीबाग: हजारीबाग को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है. यहां कई मंदिर ऐसे हैं जो 500 साल से भी ज्यादा पुराने हैं. कुछ मंदिर महाभारत काल से भी जुड़े हैं. ऐसे में कई मान्यताएं भी पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं. ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर है - बुढ़वा महादेव मंदिर.

बुढ़वा महादेव का महत्व (ईटीवी भारत)

सावन के महीने में हजारीबाग से लाखों लोग भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाने देवघर के बाबा धाम जाते हैं. लेकिन सबसे पहले वे हजारीबाग के बुढ़वा महादेव मंदिर में जलाभिषेक करते हैं. इसके बाद ही उनकी धार्मिक यात्रा शुरू होती है. सिर्फ देवघर ही नहीं, अगर कोई भक्त किसी भी ज्योतिर्लिंग पर जाता है तो सबसे पहले बुढ़वा महादेव मंदिर में माथा टेकता है, तभी उसकी मनोकामना पूरी होती है.

400 साल पुराना है मंदिर

हजारीबाग का बुढ़वा महादेव मंदिर करीब 400 साल पुराना बताया जाता है. इसे शिवलोक भी कहा जाता है. मान्यता है कि जिसने भी इस मंदिर में जल चढ़ाया, उसकी मनोकामना पूरी होती है. सिर्फ सावन ही नहीं, यहां साल भर भक्त आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. अगर किसी व्यक्ति को महामृत्युंजय जाप करना होता है तो उसकी पहली प्राथमिकता बुढ़वा महादेव मंदिर होती है. यहां के लोग भगवान शिव को अपना आराध्य मानते हैं. जिसके कारण जब भी कोई कोई शुभ कार्य शुरू करता है तो वे बुढ़वा महादेव का आशीर्वाद जरूर लेते हैं.

परिसर में स्थित हैं दो मंदिर

मंदिर के पुजारी अवध बिहारी मिश्रा बताते हैं कि बुढ़वा महादेव मंदिर आस्था का केंद्र बिंदु है. इस परिसर में दो मंदिर हैं, जिसमें से एक बुढ़वा महादेव और दूसरा बुद्धवा महादेव है. कहा जाता है कि जब बुद्ध ज्ञान प्राप्ति के लिए हजारीबाग से गुजर रहे थे तो उन्होंने इसी मंदिर में रात्रि विश्राम किया था.

दूसरा बुढ़वा महादेव है जो काफी प्राचीन मंदिर है. हजारीबाग में यह परंपरा रही है कि जो भी ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जाता है वह इन दोनों मंदिरों में आकर पूजा करता है. बुढ़वा महादेव मंदिर हजारीबाग के लिए काफी महत्वपूर्ण है. काफी प्राचीन होने के कारण यह आस्था का केंद्र बिंदु भी है, जहां हिंदू जल चढ़ाते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने पर बाबा से आशीर्वाद लेते हैं.

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