सिमडेगा :जिले में एक ऐसा विभाग जहां अधिकारियों से ज्यादा ठेकेदारों की चलती है. सिमडेगा नगर परिषद के कारनामों की चर्चा कोई नई बात नहीं है. एक बार ठेकेदार को किसी भी बाजार का डाक बंदोबस्त मिल जाए तो वह जहां चाहे और जिससे चाहे टैक्स वसूल सकता है. शिकायत करने पर भी कोई सुनने वाला नहीं होता. अंतत: ठेकेदार की मनमानी का शिकार गरीब ही होते हैं.
शहर का एकमात्र डेली मार्केट ठेकेदार की मनमानी के कारण दिन-प्रतिदिन अपनी पहचान खोता जा रहा है. सब्जी विक्रेता हो या सब्जी खरीदने वाला या शहरवासी सभी अव्यवस्था से परेशान हैं. वजह साफ है कि सब्जी बेचने के लिए बनाए गए शेड में दुकान लगाने के बजाय ठेकेदार सड़क पर ही दुकान लगवा देता है. जब इस बारे में ठेकेदार के टैक्स वसूलने वाले लड़कों से पूछा जाता है तो वे कहते हैं कि जहां मर्जी होगी, सड़क पर ही दुकान लगा देंगे.
सब्जी बेच रहे लोगों ने बताया कि दूर-दराज से टेंपो में सब्जी लेकर आने वाले किसानों और सब्जी खरीद कर बाजार में बेचने के लिए लाने वाली महिलाओं से जबरन टेंपो का प्रवेश शुल्क वसूला जा रहा है. यह खेल पिछले कई सप्ताह से चल रहा है. यदि टेंपो चालक शुल्क नहीं देता है तो टेंपो को बंधक तक बना लिया जाता है. इसकी शिकायत कई बार नगर परिषद से की गई. लेकिन वार्ता व बैठक टाल दी गई. नतीजा यह है कि ठेकेदार के मनमाने रवैये के कारण सब्जी विक्रेताओं व आम लोगों को परेशानी हो रही है.
वहीं टेंपो चालक नरेंद्र ने बताया कि वह सुबह कुछ गांव वालों को लेकर बाजार पहुंचे थे. जहां उनसे टेंपो का टैक्स मांगा गया, जब उन्होंने मना किया तो उनकी टेंपो को बंधक बना लिया गया. उन्होंने जब कहा कि वे इसकी शिकायत पुलिस करेंगे तो पैसा वसूलने वाले लड़कों ने कहा कि जो करना है करो, लेकिन पैसा देना पड़ेगा.