गिरिडीहः शहर व उससे सटे इलाके में सरकारी भूमि जैसे गैरमजरुआ, परती कदीम, जंगल झाड़, नाला - नदी, तालाब की भूमि पर कब्जा वर्षों से होता रहा है. ऐसी भूमि पर कई निर्माण हुआ है. शहर से सटे औद्योगिक इलाके में तो कई फैक्ट्रियों का संचालन ऐसी ही भूमि पर हो रहा है. इसका खुलासा अंचल की जांच में हुआ है.
दरअसल जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश के बाद गिरिडीह अंचल के द्वारा लगातार भूमि की जांच की जा रही है. अंचल अधिकारी मोहम्मद असलम के नेतृत्व में राजस्वकर्मी व अमीन यह देख रहे हैं कि अंचल के 216 मौजा में किस किस स्थान पर सरकारी भूमि है. यह भूमि कितनी परती है और कितनी भूमि पर कब्जा है. अभी तक की जांच में लगभग 50000 एकड़ भूमि को चिन्हित किया जा चुका है. ऐसी भूमि को प्रतिबंधित सूची की लिस्ट में डाल दिया गया है. जिन भूमि को चिन्हित किया गया है उनमें से कई भूमि पर कुछेक फैक्ट्री भी संचालित है.
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी
अंचलाधिकारी ने कहा कि जिस तरह लंगटा बाबा स्टील के द्वारा गेट लगाने का मामला सामने आया और फिर गेट हटाया गया. इस मामले के बाद फिर से सरकारी भूमि को चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू की गई है. प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को भूमि जांच से संबंधित बैठक हो रही है. इस बैठक में राजस्वकर्मी व अमीन अपनी रिपोर्ट दे रहे हैं और बता रहे हैं कि कौन-कौन सी जमीन सरकारी है जिस पर कब्जा हुआ है. इस सूची के अलावा सरकारी भूमि कहां-कहां परती पड़ी है इसकी भी रिपोर्ट ली जा रही है. कहा कि यदि आमलोगों को भी इसकी जानकारी हो तो उसे अंचल के समक्ष रख सकते हैं. पारदर्शिता से कार्रवाई होगी.
जेजे लैंड - नाले पर खड़ी फैक्ट्री निशाने पर
यहां बता दें कि जंगल और झाड़ की भूमि पर, नाले की जमीन पर अतिक्रमण करते हुए कुछेक नामी कंपनियों ने फैक्ट्री खड़ी की है. समय समय पर इसकी शिकायत भी होती रहती है. 2020 में एक वार्ड पार्षद ने भी इसी से जुड़ी शिकायत की थी. उस वक्त एसडीओ ने तत्कालीन सीओ से रिपोर्ट भी मांगा था. सीओ ने रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा था कि जमीन जंगल झाड़ की है लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब फिर से इन फाइलों को खोला जा रहा है.