कानपुर: आईआईटी कानपुर में पीएचडी छात्र प्रगति खारया की आत्महत्या अभी पहली बना हुआ है. अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है कि होनहार छात्रा ने ऐसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया. छात्रा की मौत के बाद कैंपस में दहशत का माहौल है. वहीं, दूसरी ओर प्रगति के स्वभाव को लेकर चर्चा कर रहे हैं कि ऐसा कैसे कर सकती है. ETV Bharat ने छात्रा की मौत को लेकर परिजनों, पड़ोसियों और सहपाठियों के साथ बातचीत की. इस दौरान पता चला कि सुसाइड करने से पहले प्रगति ने अपनी मां को वीडियो कॉल किया था. मां संगीता ने बताया कि बुधवार की देर शाम को बेटी से वीडियो कॉल पर बात हुई थी. बेटी का चेहरा उतरा हुआ था तो उसने पूछा था. लेकिन बेटी ने कुछ नहीं बताया.
सिर्फ पढ़ाई से मतलब रखती थीःपड़ोस में रहने वाले आदर्श से बात की तो आदर्श ने बताया कि प्रगति केवल अपनी पढ़ाई से ही मतलब रखती थी, उसका मोहल्ले में भी बहुत आना-जाना नहीं था. वह अपनी पढ़ाई के प्रति गंभीर रहती थी. इसी तरह सनिगवां के पार्षद भवानी कहा कि पूरे परिवार में प्रगति बहुत ही शांत स्वभाव की थी. उसका कभी किसी से ना तो कोई विवाद हुआ न ही वह घर से बहुत ज्यादा बाहर निकलती थीं.
अब हर रक्षाबंधन पर बहेंगे आंसू:वहीं, प्रगति के प्रगति के भाई सुंदरम ने कहा कि बहन का फोकस केवल करियर पर था. प्रगति पीएचडी पूरी करने के बाद आगे भी शोध करना चाहती थीं. साथ ही वह परिवार के हर सदस्य के साथ बहुत ही खुश होकर रहती थी. वह सभी का ख्याल रखती थी. कुछ दिनों पहले रक्षाबंधन पर पूरा परिवार एक साथ था और सभी बेहद खुश थे. प्रगति से एक छोटा और दो बड़े भाई भी हैं. भाई सुंदर ने कहा कि हम शनिवार को आईआईटी कैम्पस जाएंगे. इसके बाद ही जांच या किसी अन्य तरह का फैसला लेंगे. अभी हमें केवल एक ही सवाल परेशान कर रहा है कि आखिर प्रगति ने यह कदम क्यों उठा लिया?
मां से कहा था तबीयत ठीक नहींःसुंदरम ने बताया कि प्रगति के सुसाइड करने से पहले उकी उसकी मां से वीडियो कॉल पर भी बात हुई थी. मां ने कहा था, बेटी तुम्हारा चेहरा उतरा लग रहा है तो प्रगति ने जवाब दिया था कि थोड़ी तबीयत नहीं ठीक है. हालांकि अगले दिन ही प्रगति आत्महत्या जैसा कदम उठा लेगी यह तो किसी ने भी नहीं सोचा था. प्रगति के ताऊ गोपाल दास ने कहा कि हमने अपनी लाडली को खो दिया. उस लाडली को जो बच्चों के साथ बच्चों की तरह व्यवहार करती थी और बड़ों के साथ बड़ों के बीच रहते हुए वह अपना बड़प्पन भी दिखाती थी.
प्रगति के मन में क्या चल रहा था, इसका जवाब नहीं:आईआईटी कानपुर में काउंसलिंग सेल प्रभारी प्रोफेसर शांतनु मिश्रा ने कहा कि वह अर्थ साइंस विभाग के ही प्रोफेसर है और प्रगति उनकी ही स्टूडेंट थी. उन्होंने कहा कि हर किसी छात्र के मन में कोई अपनी बात है, जिसे वह किसी से साझा नहीं करता तो वह बात भी हम नहीं जान सकते हैं. पूरे साल सैकड़ों छात्रों की कैंपस में काउंसलिंग करते हैं. कई घंटे बात करते हैं लेकिन अगर छात्र कोई बात हमें नहीं बता रहे हैं तो वह बात आखिर हमें नहीं पता लगेगी. फिलहाल हम यही मान रहे हैं की प्रगति के केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. प्रोफेसर शांतनु ने कहा की प्रगति का निश्चित तौर पर अपने पढ़ाई के ऊपर ही पूरा ध्यान केंद्रित रहता था. प्रगति अपने दोस्तों के साथ भी खुश दिखती थी. लेकिन प्रगति ऐसा कोई कदम उठा लेगी? यह एक गंभीर मामला है.
छात्र सोमवार को कर सकते हैं प्रदर्शन:आईआईटी कानपुर में पीएचडी छात्र प्रगति के आत्महत्या मामले के बाद अब जहां कैंपस में पूरी तरीके से सन्नाटा पसरा है. वहीं अधिकतर छात्र दशहरा पर्व की छुट्टी होने के चलते अपने घरों की ओर चले गए हैं. हालांकि कैंपस के अंदर बीटेक के कुछ छात्रों द्वारा यह रणनीति भी बनाई जा रही है कि वह प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ अपना रोष प्रकट करेंगे. बीटेक के ही छात्रों ने कुछ समय पहले पीएचडी छात्र विकास मीणा के मामले में भी प्रदर्शन किया था. छात्रों का स्पष्ट रूप से कहना है कि कैंपस के अंदर प्रोफेसर उनकी मदद तो करते हैं, काउंसलिंग भी कराई जाती है लेकिन जिस हद तक की मदद उन्हें चाहिए होती है, प्रोफेसर और प्रशासनिक अफसर उस पर खरे नहीं उतर रहे हैं.
पुलिस ने निकालेगी सीडीआरःआईआईटी कानपुर की पीएचडी छात्र प्रगति ने गुरुवार को कैंपस के अंदर ही आत्महत्या कर ली थी. प्रगति का स्मार्टफोन पुलिस को लॉक मिला है. ऐसे में अब पुलिस ने प्रगति के स्मार्टफोन की सीडीआर निकालने की दिशा में कवायद शुरू कर दी है. एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडे ने बताया पुलिस की पड़ताल में जो उन्हें पता लगा है, उसके मुताबिक प्रगति ने सुसाइड का फैसला खुद ही किया था. कोई भी ऐसा कारण अभी तक सामने नहीं आया है, जिससे यह जाना जा सके कि आखिर उसने यह कदम क्यों उठाया?
फेलोशिप के पैसे से बड़े भाई मदद की थीः परिजनों ने भी बताया कि प्रगति को जब फैलोशिप में अच्छी राशि मिली थी तो उसने अपने भाई की मदद की थी. साथ ही जो घर बन रहा था उसमें भी प्रगति ने पिता की मदद की थी. प्रगति सभी की समस्याएं सुनकर खुद तो मदद के लिए तैयार हो जाती थी. लेकिन उसे क्या दिक्कत थी उसने यह बात किसी को नहीं बताई. प्रगति के पिता गोविंद पिछले सात सालों से कानपुर के एक निजी ज्वेलरी शोरूम में बतौर मैनेजर हैं. प्रगति कुछ दिनों पहले उनसे बाकायदा शोरूम में ही मिलने गई थी. प्रगति ने पिता के अलावा कई अन्य लोगों से भी वहां पर मुलाकात की थी और सभी ने उसके स्वभाव को हंसमुख स्वभाव वाला ही बताया था.
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