कानपुर: देश में दूध का उपयोग हर घर, दफ्तर, संस्थाओं आदि में सुबह से ही होता है. आमजन को जब चाय की तलब लगती है, तो चाहे दिन हो या रात सभी कहते हैं दूध की बढ़िया चाय पीनी है. लेकिन, लोग ये नहीं जानते जिस दूध का वह उपयोग कर रहे हैं वह कितना शुद्ध है.
मगर, अब आप घर बैठे ही महज एक रुपये खर्च करके ऐसी किट खरीद सकते हैं, जिससे घर बैठे ही यह जांच सकते हैं कि दूध में कितनी मिलावट है. यह किट यूरिया, सल्फर समेत आठ मानकों की जानकारी पल भर (रियल टाइम) में दे देगी. आईआईटी कानपुर किट को अगले माह बाजार में लांच करेगा.
आईआईटी कानपुर के नए शोध पर संवाददाता की रिपोर्ट. (Video Credit; ETV Bharat) डीआरडीओ व आईआईटी कानपुर की मुहर मिलावटखोरों की खटिया खड़ी: किट को लेकर आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी ई-स्निफ के निदेशक प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि मिल्क टेस्टिंग किट- मिल्किट पर डीआरडीओ व आईआईटी कानपुर की मुहर लगी हुई है. इसका कोई नुकसान नहीं है. बल्कि तमाम फायदे हैं. किट से डिटर्जेंट, बोरिक एसिड, हाइड्रोजन पैराऑक्साइड साबुन, स्टार्च, यूरिया, माइक्रोब आदि की मिलावट की जानकारी मिलेगी.
उन्होंने बताया कि हमने किट की तकनीक को डीआरडीओ से लिया, जबकि आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों (बायोलॉजिकल साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग विभाग) ने किट तैयार की है. इस शोध कार्य को पूरा करने में हमें दो साल लग गए. प्रदीप द्विवेदी का दावा है कि अभी तक ऐसी कोई मिल्क टेस्ट किट भारतीय बाजार में नहीं है. यह किट केवल एक रुपये में मिल जाएगी और पूरी तरह से पेपर बेस्ड होगी.
जितना दूध तैयार नहीं होता, उससे कई गुना अधिक खप रहा: ई-स्निफ के निदेशक प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि देश में जितना दूध गाय-भैंसों से हमें मिल रहा है, उससे कई गुना अधिक खपाया जा रहा है. अगर, मिलावट नहीं है तो इतना दूध कहां से आ रहा है? कोरोना के दौर में देश के अंदर दूध की 50 से 60 प्रतिशत तक खपत कम हो गई थी. मगर, गाय-भैंसों की संख्या में वृद्धि हुई नहीं और दूध बराबर से बाजारों में बिकता है. मिल्किट से टेस्ट के बाद आमजन आसानी से शुद्ध दूध का उपयोग कर सकेंगे. इस मकसद से किट बनाई गई है.
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