वाराणसीः अपंगता और न्यूरो बीमारी से बचाने के लिए IIT-BHU को 97 लाख रुपये का ग्रांट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से मिला है. इस ग्रांट से 3D बायोप्रिंटिंग तकनीक का प्रयोग कर मेडिकल डिवाइस तैयार की जाएगी. यह डिवाइस एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) नाम की बीमारी का इलाज करने में सक्षम होगी. यह एक घातक और अपंगता की लाइलाज बीमारी है.
बता दें कि IIT-BHU में अलग-अलग प्रकार के शोध कार्य किए जाते रहते हैं, जिसमें वैज्ञानिकों द्वारा सामाजिक लाभ के भी शोध होते हैं. ऐसे में जल शोधन से लेकर तमाम प्रकार के कार्य अभी तक किए गए हैं. इसी क्रम में संस्थान अब मेडिकल डिवाइस बनाने पर कार्य करने जा रहा है, जिसकी मदद से बीमारी का इलाज संभव बनाने की तैयारी की जाएगी. इसके लिए IIT-BHU के वैज्ञानिक कार्य करेंगे.
बीमारी के प्रभाव को कम करेगी डिवाइस
डॉ. सुदीप मुखर्जी बताते हैं कि एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) बीमारी लंबे समय से मेडिकल सांइस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई थी. इस बीमारी की वजह जेनेटिक है, जो व्यक्ति के चलने-फिरने, व्यवहार और पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. इससे सांस की गंभीर समस्या हो जाती है. साथ ही मरीज की 2 से 4 साल में मृत्यु भी हो सकती है. ऐसे में ये डिवाइस बीमारी के प्रभाव को कम करेगी. इसके लिए कार्य शुरू किया जाएगा.
चूहे पर किया जाएगा डिवाइस का प्रयोग
डॉ. सुदीप मुखर्जी ने बताया कि जल्द ही चूहे पर इस डिवाइस के प्रभाव की जांच की जाएगी. इसके बाद इंसानों पर इसका परीक्षण होगा. इस बीमारी की वजह वाली जीन की पहचान की जाएगी. इसके लिए पश्चिम बंगाल के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का सहयोग भी लिया जा रहा है. इस रोग से ग्रसित बच्चों और लोगों का सैंपल लिया जाएगा और उनके जेनेटिक वजह, न्यूरो सिसटम और व्यवहारिक पहलुओं का व्यापक विश्लेषण किया जाएगा.
IIT-BHU बनाएगा न्यूरो बीमारी कंट्रोल के लिए डिवाइस, 3D बायोप्रिंटिंग तकनीक का होगा प्रयोग - IIT BHU
IIT BHU Research; भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने IIT-BHU को न्यूरो बीमारी को कंट्रोल करने की मेडिकल डिवाइस बनाने के लिए ग्रांट किया जारी
IIT-BHU बनाएगा खास डिवाइस. (Etv Bharat)
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Nov 27, 2024, 4:22 PM IST