जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने 31 मार्च, 2022 को कोटा के नयापुरा में भारतीय वन सेवा के अधिकारी से मारपीट के मामले में भाजपा नेता व पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और एक अन्य महावीर सुमन को मिली तीन साल की सजा को स्थगित कर दिया है. जस्टिस भुवन गोयल ने यह आदेश भवानी सिंह राजावत व महावीर की ओर से दायर अपील में पेश सजा स्थगन प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए.
कोटा की एससी, एसटी कोर्ट ने गत 19 दिसंबर को अपीलार्थियों को को सजा सुनाई थी. अदालत ने कहा कि अपील के निस्तारण में लंबा समय लगने की संभावना है. ऐसे में अपीलार्थियों की सजा को अपील में निर्णय होने तक स्थगित किया जाता है. अपील के साथ पेश प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया कि प्रकरण में उन्हें झूठा फंसाया गया है. उनके दोषसिद्ध करने का कोई साक्ष्य भी पत्रावली पर मौजूद नहीं है.
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इसके बावजूद भी विशेष न्यायालय ने उन्हें सजा सुनाई है. सजा के आदेश के खिलाफ पेश अपील के निस्तारण में लंबा समय लगने की संभावना है. ऐसे में उनकी सजा को स्थगित किया जाए. वहीं, सरकारी वकील ने सजा स्थगन प्रार्थना पत्र को खारिज करने की गुहार की. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपीलार्थियों की सजा को स्थगित कर दिया है.
आईएफएस रवि कुमार मीना ने 31 मार्च, 2022 को कोटा के नयापुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि वह अपने कार्यालय में सरकारी काम कर रहा था. इस दौरान भवानी सिंह राजावत अन्य लोगों के साथ आया और उससे मारपीट की व राजकार्य में बाधा पहुंचाई. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने स्थानीय अदालत में राजावत सहित अन्य के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया.
वहीं, अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद गत 19 दिसंबर को राजावत व महावीर को तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही नियमानुसार आदेश की अपील करने के लिए एक माह के लिए सजा को स्थगित कर दिया था.