उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड में इस IFS अफसर ने जताई स्वैच्छिक सेवानिवृति की इच्छा, जानिए क्यों ले रहे वीआरएस

उत्तराखंड वन विभाग एक बार फिर चर्चाओं में है. चर्चाओं की वजह आईएफएस अफसर मनोज चंद्रन की स्वैच्छिक सेवानिवृति को लेकर लिखी चिट्ठी है.

IFS MANOJ CHANDRAN VRS
आईएफएस अफसर मनोज चंद्रन (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

Updated : 1 hours ago

देहरादून:उत्तराखंड वन विभाग में आईएफएस अधिकारी का स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन हर किसी को हैरान कर रहा है. आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन ने प्रमुख सचिव को वीआरएस के लिए पत्र लिखा है. जिस पर अभी कोई अंतिम फैसला तो नहीं लिया गया, लेकिन इस पत्र के चलते शासन की ओर से उन्हें दी गई चार्जशीट फिर सुर्खियों में आ गई है.

उत्तराखंड वन विभाग एक बार फिर चर्चाओं में है. इस बार वन विभाग में आईएफएस (भारतीय वन सेवा) अफसर मनोज चंद्रन का वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) आवेदन सुर्खियों में है. दरअसल, आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन ने 1 अक्टूबर को प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने से जुड़ा पत्र लिखा है. जिसे वन मुख्यालय ने शासन को 8 अक्टूबर को फॉरवर्ड किया. हालांकि, शासन को मिले वीआरएस का आवेदन होने के बाद अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने की वीआरएस मिलने की पुष्टी:इस मामले पर ईटीवी भारत ने प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु से बात की तो उन्होंने वीआरएस (VRS) आवेदन मिलने की पुष्टि की है. हालांकि, जब उनसे इस आवेदन के सापेक्ष वीआरएस के लिए अनुमति मिलने का सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर अनुमति नहीं मिलने की बात कही. साथ ही संबंधित अधिकारी के चार्जशीट होने और इस पर जांच गतिमान होने की बात भी कही.

ईमानदार छवि के अफसर को नियम विरुद्ध प्रमोशन और नियमितीकरण पर दी गई चार्जशीट:आईएफएस (IFS) अधिकारी मनोज चंद्रन ईमानदार छवि के माने जाते हैं, लेकिन हाल ही में उन्हें नियम विरुद्ध प्रमोशन और नियमितीकरण करने के मामले में चार्जशीट दी गई है.

हालांकि, मनोज चंद्रन लगातार प्रमोशन और नियमितीकरण में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं होने की बात कहते रहे हैं. आरोप है कि उनके मानव संसाधन में रहते हुए 504 पदों पर नियमितीकरण किया गया. इसके अलावा तय पदों से ज्यादा आरक्षियों को वन दरोगा पद पर प्रमोशन दिया गया.

PCCF स्तर के अफसर को दी गई है मामले की जांच:प्रमोशन और नियमितीकरण के मामले में पीसीसीएफ यानी प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (PCCF) स्तर के अफसर विजय कुमार को जांच दी गई है. जिसमें पहले पंकज कुमार को जांच में प्रस्तुतकर्ता बनाया गया था, लेकिन हाल ही में उन्हें बदलकर राजीव धीमान को जांच में जोड़ा गया है.

खास बात ये है कि शासन स्तर पर इस जांच को जल्द से जल्द करने के लिए विजय कुमार को रिमाइंडर भेजे गए हैं. जिस पर जांच अधिकारी विजय कुमार ने भी जांच के लिए 6 महीने के वक्त की बात शासन को लिखी है. हालांकि, जांच अधिकारी विजय कुमार दिसंबर महीने में ही रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में जांच निश्चित समय पर पूरी हो पाएगी, ये भी एक सवाल बना हुआ है.

IFS अफसर निशांत वर्मा की रिपोर्ट पर हो रही जांच:वन दरोगा पद पर प्रमोशन और नियमितीकरण का यह पूरा मामला पूर्व में मानव संसाधन देखने वाले IFS निशांत वर्मा की रिपोर्ट पर शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि अब जांच में दी जा रही रिपोर्ट में कई आंकड़े संशोधित किए गए हैं. दरअसल, कितने प्रमोशन के पद खाली थे और कितने पदों पर प्रमोशन दिए गए? इन्हीं आंकड़ों पर पूरी जांच टिकी हुई है, ऐसे में संशोधित आंकड़ों से भी इस जांच का स्वरूप बदल सकता है.

पारिवारिक कारणों को वीआरएस आवेदन के पत्र में बताया वजह:आईएफएस अफसर मनोज चंद्रन ने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) लेते समय अपने आवेदन में पारिवारिक कारणों को वजह बताया है. मनोज चंद्रन मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं और पत्र के अनुसार पारिवारिक समस्या के कारण वो वीआरएस चाहते हैं.

वैसे सामान्य रूप से मनोज चंद्रन को विभाग में एक ईमानदार अधिकारी के रूप में देखा जाता है और फील्ड में उन्हें बड़ी पोस्टिंग के कम ही मौके मिल पाए हैं. इसके अलावा आईएफएस मनोज चंद्रन कर्मचारियों के हित में फैसले लेने वाले अधिकारियों में शामिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : 1 hours ago

ABOUT THE AUTHOR

...view details