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हैदराबादी माधवी लता दक्षिण नहीं सेंट्रल एक्सप्रेस से जाएंगी संसद, इस राज्य से राज्यसभा सीट पक्की - Madhavi Latha Rajya Sabha Seat

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 12:28 PM IST

Updated : Jul 19, 2024, 2:18 PM IST

लोकसभा चुनाव में हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी को टक्कर देने वाली भाजपा नेत्री माधवी लता अब मध्य प्रदेश की राजनीति में दिखाई देंगी. दरअसल भाजपा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की खाली राज्यसभा सीट से माधवी लता को सांसद बनाकर दिल्ली भेज सकती है.

MADHAVI LATHA RAJYA SABHA SEAT
माधवी लता बन सकती हैं राज्यसभा सांसद (ETV Bharat)

भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीत जाने के बाद क्या एमपी के दरवाजे राज्यसभा भेजी जाएंगी तेलंगाना की कोम्पेला माधवी लता. असल में इन चर्चाओं को जमीन इसलिए मिल रही है कि पहली भी मध्यप्रदेश के कोटे से दक्षिण भारत के बीजेपी नेताओं को नवाजा जाता रहा है. तमिलनाडू से आने वाले केन्द्रीय मंत्री एल मुरुगन पहले से एमपी के कोटे से राज्यसभा में हैं. माधवी लता के बाद दूसरा नाम केपी यादव का भी है. 2019 में सिंधिया को गुना सीट पर हराने वाले केपी यादव क्या राज्यसभा में भी सिंधिया की छोड़ी सीट ले पाएंगे.

सांसद बन जाने के बाद खाली है सिंधिया की राज्यसभा सीट (ETV Bharat)

एमपी की राज्यसभा सीट पर माधवी लता का दावा क्यों मजबूत
माधवी लता ने हैदराबाद सीट से एआईएमआईआईएम के असदुद्दीन ओवैसी को टक्कर दी थी. अपने बयानों के साथ माधवी पूरे चुनाव में चर्चा में रहीं. दक्षिण भारत पर जब बीजेपी इन चुनाव में खास फोकस कर रही थी तब माधवी दक्षिण के महत्वपूर्ण चेहरे के तौर पर उभरीं थी. बीजेपी हाईकमान की पसंद मानी जाती हैं माधवी. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, हालांकि माधवी तीन लाख से ज्यादा मतों से चुनाव हार गईं, लेकन बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव के साथ जिस तरह से दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशें तेज की हैं, उस हिसाब से ये कोई बड़ा निर्णय नहीं कि मध्यप्रदेश के कोटे से माधवी लता को राज्यसभा में भेज दिया जाए. MADHAVI LATHA RAJYA SABHA SEAT CONFIRM

केपी यादव भी हैं राज्यसभा सीट के दावेदार (ETV Bharat)

केपी को भरोसा शाह वादा पूरा करेंगे
राज्यसभा सीट के लिए दूसरा नाम के पी यादव का भी है. 2019 में केपी यादव ने ही सिंधिया को हराया था और एक बड़ी राजनीतिक उठापटक की नींव रखी गई थी. उस हार के बाद ही सिंधिया बीजेपी में आए. जब 2024 में सिंधिया ने बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ा तो अमित शाह ने ये भरोसा दिलाया था कि केपी यादव को लेकर किसी को चिंता करने की जरुरत नहीं है, भविष्य में उन्हें बड़ी जवाबदारी मिलेगी. कहा ये भी था कि गुना से दो-दो नेता मिलेंगे यहां की जनता को.'' वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं ''शाह का वादा अपनी जगह है लेकिन सिंधिया की लोकसभा सीट के बाद राज्यसभा में उनकी खाली की हुई सीट केपी यादव को मिल पाना इतना आसन नहीं होगा. हालांकि केपी यादव अपने पुर्नवास के लिए दिल्ली-भोपाल एक किए हुए हैं.''

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पहले जाति साधी...और चौंकाया था बीजेपी ने
इसके पहले बीजेपी ने चार राज्यसभा सीटों पर जिन्हें मौका दिया उनके नाम चौंकाने वाले थे. जिनमें महिला कोटे से राज्यसभा गई माया नरोलिया को तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि वे राज्यसभा सांसद के तौर पर चुन ली गई हैं. ओबीसी वर्ग से बंशीलाल गुर्जर को मौका दिया गया, जिनका नाम विधानसभा से लेकर लोकसभा तक सूची में पहुंचते पहुंचते कटता रहा था. वहीं, दलित समाज से आने वाले उमेश नाथ महाराज को राज्यसभा पहुंचाकर भी पार्टी ने चौंकाया. इसी तरह से दक्षिण भारत से डॉ मुरुगन दूसरी बार एमपी के कोटे से ही राज्यसभा में भेजे गए.

Last Updated : Jul 19, 2024, 2:18 PM IST

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