भोपाल: ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीत जाने के बाद क्या एमपी के दरवाजे राज्यसभा भेजी जाएंगी तेलंगाना की कोम्पेला माधवी लता. असल में इन चर्चाओं को जमीन इसलिए मिल रही है कि पहली भी मध्यप्रदेश के कोटे से दक्षिण भारत के बीजेपी नेताओं को नवाजा जाता रहा है. तमिलनाडू से आने वाले केन्द्रीय मंत्री एल मुरुगन पहले से एमपी के कोटे से राज्यसभा में हैं. माधवी लता के बाद दूसरा नाम केपी यादव का भी है. 2019 में सिंधिया को गुना सीट पर हराने वाले केपी यादव क्या राज्यसभा में भी सिंधिया की छोड़ी सीट ले पाएंगे.
एमपी की राज्यसभा सीट पर माधवी लता का दावा क्यों मजबूत
माधवी लता ने हैदराबाद सीट से एआईएमआईआईएम के असदुद्दीन ओवैसी को टक्कर दी थी. अपने बयानों के साथ माधवी पूरे चुनाव में चर्चा में रहीं. दक्षिण भारत पर जब बीजेपी इन चुनाव में खास फोकस कर रही थी तब माधवी दक्षिण के महत्वपूर्ण चेहरे के तौर पर उभरीं थी. बीजेपी हाईकमान की पसंद मानी जाती हैं माधवी. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, हालांकि माधवी तीन लाख से ज्यादा मतों से चुनाव हार गईं, लेकन बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव के साथ जिस तरह से दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशें तेज की हैं, उस हिसाब से ये कोई बड़ा निर्णय नहीं कि मध्यप्रदेश के कोटे से माधवी लता को राज्यसभा में भेज दिया जाए. MADHAVI LATHA RAJYA SABHA SEAT CONFIRM
केपी को भरोसा शाह वादा पूरा करेंगे
राज्यसभा सीट के लिए दूसरा नाम के पी यादव का भी है. 2019 में केपी यादव ने ही सिंधिया को हराया था और एक बड़ी राजनीतिक उठापटक की नींव रखी गई थी. उस हार के बाद ही सिंधिया बीजेपी में आए. जब 2024 में सिंधिया ने बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ा तो अमित शाह ने ये भरोसा दिलाया था कि केपी यादव को लेकर किसी को चिंता करने की जरुरत नहीं है, भविष्य में उन्हें बड़ी जवाबदारी मिलेगी. कहा ये भी था कि गुना से दो-दो नेता मिलेंगे यहां की जनता को.'' वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं ''शाह का वादा अपनी जगह है लेकिन सिंधिया की लोकसभा सीट के बाद राज्यसभा में उनकी खाली की हुई सीट केपी यादव को मिल पाना इतना आसन नहीं होगा. हालांकि केपी यादव अपने पुर्नवास के लिए दिल्ली-भोपाल एक किए हुए हैं.''
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