लखनऊ : मानदेय बढ़ोतरी की मांग के समर्थन में उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के बैनर तले सोमवार को चारबाग रेलवे स्टेशन पर आशा कार्यकर्ताओं ने अधिक संख्या में सभा की. उससे पहले आक्रोशित आशाओं ने विधानभवन तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन अधिक पुलिस बल लगाकर प्रशासन ने आशा वर्करों की चारबाग में ही घेराबंदी कर दी. इससे आशा वर्करों ने वहीं सभा शुरू कर दी. देर शाम तक आशा वर्करों ने धरना प्रदर्शन किया.
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) से संबद्ध आशा कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में सुबह ही चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंच गईं. एक्टू व आशा वर्कर्स राज्य सचिव राना प्रताप सिंह व सह राज्य सचिव अंजू कटियार ने कहा कि कई साल से आशा बुनियादी मांगों के लिए संघर्ष कर रही हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग लगातार आशा वर्करों पर काम का बोझ बढ़ाता जा रहा है. वर्तमान में करीब 50 तरह के काम आशाओं से कराए जाते हैं, लेकिन मानदेय समेत तमाम मांगों पर कोई बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. अब बर्दाश्त की सीमा समाप्त हो चुकी है. सिर्फ दो से चार कार्यों की प्रोत्साहन राशियां दी जाती हैं. उनका निर्धारण वर्षों पूर्व किया गया था. उनके श्रम के सापेक्ष उन दरों का कभी कोई पुनर्निर्धारण नहीं किया गया. भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा, साप्ताहिक व वार्षिक अवकाश तथा एक दिन का भी मातृत्व अवकाश तक नहीं दिया जाता है. लगातार बढ़ती महंगाई में अब 20 हजार रुपये से कम मानदेय पर काम नहीं किया जा सकता है.