मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ से लेकर मासूम की मौत तक, इन 5 मामलों पर मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस - Human Right Commission MP Cases - HUMAN RIGHT COMMISSION MP CASES

मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (MPHRC) ने मंडला सहित प्रदेश में कई जगहों पर हुई अमानवीय घटनाओं को लेकर संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.

HUMAN RIGHT COMMISSION MP CASES
इन 5 मामलों पर मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 10:38 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में मानव अधिकारों के हनन की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. इन घटनाओं को लेकर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया है. ऐसे मामलों को लेकर मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममता ने जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

इन 5 मामलों में मांगा जवाब

मंडला में वार्ड वासियों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल

मंडला जिले के महाराजपुर के ज्‍वाला जी वार्ड के रहवासी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां विगत 3 दिनों से पानी नहीं आया. 3 दिन बाद जब पानी आया तो वह भी गंदा था, जिससे वार्डवासी परेशान हैं. मजबूरन वार्डवासियों को नहाने-धोने के लिए नर्मदा नदी का सहारा लेना पड़ रहा है. वार्डवासियों का कहना है कि पानी की समस्‍या लगातार एक माह से बनी हुई है. यहां विगत दो माह से नल में गंदा पानी आ रहा है. साथ ही तीन दिनों से पानी ही नहीं पहुंचा. जिसकी शिकायत नगर पालिका के जिम्‍मेदारों से की गई. शिकायत मिलने के बाद उन्‍होंने टैंकर की व्‍यवस्‍था की, लेकिन टैंकर से 2 से 3 डिब्‍बा ही पानी दिया जा रहा है. मामले में संज्ञान लेकर मध्‍य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिला कलेक्‍टर से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है.

कुत्तों ने मासूम को उतारा मौत के घाट

खरगोन जिले में घर के आंगन में खेल रही एक मासूम को कुत्तों ने नोंचकर मार डाला. बीते सोमवार शाम को रोज की तरह मासूम का पिता मजदूरी से लौटा था और उसकी पत्नी सपना, पति व बेटी के लिए खाना बना रही थी. बेटी रानी आसपास के बच्चों के साथ घर के बाहर मैदान में खेल रही थी. इसी दौरान एक कुत्तों के झुंड ने बच्चों पर हमला बोला, बांकि बच्चे उम्र में बड़े होने की वजह से मौके से भाग गए लेकिन दो साल की नन्ही रानी भाग नहीं सकी. कुत्तों ने रानी को घेर लिया और कई जगहों पर काट लिया. माता-पिता अपनी मासूम बेटी को लेकर तुरंत अस्पताल लेकर भागे, लेकिन डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर, सीएमडी नगर पालिका से मामले की जांच कराकर जनसुरक्षा के लिए किए गए उपायों के संबंध में प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है व मृतका के परिजन को यदि कोई आर्थिक मुआवजा राशि दी गई तो इस संबंध में भी प्रतिवेदित करें.

जबलपुर में पहले ओटीपी लाओ, फिर इलाज पाओ

जबलपुर जिले के गरीब मरीज मेडिकल और विक्टोरिया अस्पताल में आसानी से इलाज के लिए पर्चा बनवा लिया करते थे, लेकिन अब इलाज व्यवस्था कठिन हो गई है. अब सीधे इलाज का पर्चा नहीं बनता. नए नियमों के तहत पर्चा तभी बनेगा जब मरीज के मोबाइल पर ओटीपी नंबर आएगा. इस ओटीपी नंबर को एजेंट अपने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आभा एप में एन्ट्री करवाता है, तब जाकर कहीं उसे पर्चे का नंबर मिलता है. अब इस नंबर को लेकर मरीज या उसके परिजन कांउटर पर जाकर संबंधित कर्मचारी को बताते हैं, तब जाकर उसके नाम की पर्ची बनती है. कुल मिलाकर इस प्रक्रिया को समझने और समझाने की जरूरत है. जानकारों का कहना है कि इस तरह की प्रक्रिया को धरातल पर उतारने के पहले उसका सतही अध्ययन कर लेना चाहिए, ताकि मरीजों को आसान तरीके से समझाया जा सके. परंतु यहां तो पूरी प्रक्रिया ही मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कमिश्‍नर (राजस्‍व) जबलपुर संभाग से मामले की जांच कराकर व इस तकनीकी प्रक्रिया के जरिये हो रही असुविधा को ठीक कराकर व्‍यवस्‍था को मरीजों के लिए सुविधाजनक बनाए जाने के संबंध में की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है.

जबलपुर के ग्वारीघाट में मनमानी की नाव

जबलपुर जिले में नर्मदा दर्शन के लिए ग्वारीघाट में चल रही नाव सारी हदें पार कर नियम-कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं. नाव घाट छोड़कर दूसरे सभी घाटों में खड़ी हो रहीं नावों के कारण दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना में हो रही असुविधा भी प्रशासन को नजर नहीं आ रही है. नर्मदा जल में नाव दौड़ाने वाले नाविकों की उम्र की कोई सीमा नहीं है. 12 से 17 साल के नाबालिग नाव चलाकर दर्शनार्थियों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. इस पर भी प्रशासन का मौन समझ में नहीं आ रहा है. नगर निगम ने गौरीघाट में जितनी नाव चलाने का ठेका दिया है उससे अधिक संख्या में नाव दौड़ रहीं हैं और टेंडर की शर्तों में जो किराया तय हुआ वह न वसूलकर नाविक मनमर्जी से किराया वसूल रहे हैं. मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर व आयुक्‍त, नगर निगम जबलपुर से मामले की जांच कराकर जनसुरक्षा के लिए की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन 3 सप्‍ताह में मांगा है.

ये भी पढ़ें:

एमपी के ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल शिक्षकविहीन, मानवाधिकार आयोग ने शिक्षा विभाग से मांगा जवाब

भोपाल में सीवेज का पानी घरों में घुसा, बीमार फैलने का डर, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

छिंदवाड़ा में महिला चिकित्‍सक ने लगाए बीएमओ पर आरोप

छिंदवाड़ा जिले के परासिया सिविल अस्पताल में कार्यरत एक महिला चिकित्सक ने विकासखंड चिकित्सा अधिकारी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने व छेड़छाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है. इस अधिकारी पर पूर्व में कई महिला नर्स, महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों ने इसी तरह का आरोप लगाए थे, जिस पर उनका स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन न्यायालय से स्टे के बाद वह यहीं पर पदस्‍थ है. महिला चिकित्सक ने जिला कलक्टर को लिखे पत्र में बताया है कि बीएमओ कार्यस्थल पर उत्पीड़न और छेड़छाड़ करते हैं. आवश्यक उपकरणों की मांग किए जाने पर अनुचित व भद्दी टिप्पणी की जाती है. मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर व सीएमएचओ छिंदवाड़ा से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन 3 सप्‍ताह में मांगा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details